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महिलाओं के अपने पैरों पर खड़े होने की नई कहानी हैं इमराना

महिलाओं के अपने पैरों पर खड़े होने की नई कहानी हैं इमराना। महिला टैक्सी चालक इमराना दून की रहने वाली हैं और ओला कैब चलाकर अपना परिवार पालती हैं। इमराना के हौसले को सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। इमराना कहती हैं, कोई भी काम छोटा नहीं होता। उन्हें कार चलाने का शौक था, अपने शौक को उन्होंने पेशा बना लिया। इससे उन्हें कमाई भी हो रही है। इस काम में समाज का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है।

इमराना ने घर की दहलीज लांघकर टैक्सी का स्टीयरिंग थामा तो हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन गईं। उनके प्रयासों को हर कोई सराह रहा है। इमराना कहती हैं कि ऐसी कोई खास वजह नहीं रही कि उन्हें कार चलानी पड़ी, बस कार चलाने का शौक था।

इमराना ने बताया कि पढ़ाई के दौरान पिता शकील अहमद ने कार सीखने की प्रेरणा दी थी। इसके बाद कार ड्राइविंग स्कूल में कार चलाना सीखा। कई सालों के बाद लगा कि अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए तो बजाय कोई नौकरी तलाशने के कार चलाने को ही अपना करियर बना लिया।

कोई भी काम लड़कियों के लिए मुश्किल नहींइमराना बताती हैं कि गर्मी में सुबह पांच बजे से 11 बजे तक और शाम को पांच से दस बजे तक कार चलाती हैं। सर्दी में यह समय कम हो जाता है। परिवार में पापा, भाई, बहन और पुत्र उनके इस फैसले से खुश हैं और उन्हें सहयोग करते हैं। दसवीं पास इमराना अन्य युवतियों को भी कार चलाकर अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका कहना है कि लड़कियां जो चाहें, कर सकती हैं बस हिम्मत दिखाकर आगे आना होता है। थोड़ा साहस करिए और फिर सफलता आपके साथ होगी।

समाजसेवी मालती हलदार ने ओला बुक की तो उन्हें इमराना के साथ यात्रा करने का अवसर मिला। वह देहरादून जैसे शहर में महिला टैक्सी चालक को देखकर बहुत हतप्रभ हुईं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इमराना के बारे में पोस्ट लिखी और इमराना के हौसले को सराहा।

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