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भवन कर को लेकर सेल्फ असेस्मेंट का सत्यापन ब्योरा भिन्न, गलती मिलने पर प्रतिष्ठानों पर लगेगा 4 गुना जुर्माना

भवन कर को लेकर स्व कर निर्धारण (सेल्फ असेस्मेंट) कराने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का ब्योरा सत्यापन में भिन्न पाया जा रहा है। जिस पर नगर निगम ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। गलत ब्योरा देने वाले प्रतिष्ठानों पर चार गुना जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन, यह कार्रवाई बेहद छोटे पैमाने पर हो पा रही है।

 

नगर निगम के 12 कर निरीक्षकों के पास सभी 100 वार्डों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सत्यापन का जिम्मा है। शहर में करीब 13 हजार व्यावसायिक प्रतिष्ठान और एक लाख से अधिक आवासीय भवन हैं, जिनमें हजारों भवनों का सटीक ब्योरा निगम के पास नहीं है।

 

कर अनुभाग को रोस्टरवार कार्रवाई के निर्देश

निगम के कर निरीक्षक सेल्फ असेस्मेंट कराने वाले व्यक्तियों के ब्योरे का भौतिक सत्यापन को लेकर नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कर अनुभाग को रोस्टरवार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिस पर कर अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली की ओर से ऐसे प्रतिष्ठानों की सूची तैयार कर भौतिक सत्यापन शुरू कर दिया गया है।

 

निगर निगम ने भवन कर की शत-प्रतिशत वसूली की तेज

उन्होंने बताया कि निगर निगम ने भवन कर की शत-प्रतिशत वसूली को कसरत तेज कर दी है। सेल्फ असेसमेंट (स्वकर निर्धारण) में गलत ब्योरा देने वाले निगम की रडार पर आ गए हैं। नगर निगम के तहत 100 वार्ड आते हैं, जिनमें कुछ साल पूर्व शामिल 40 वार्डों में घरों को भवन कर से छूट है, लेकिन कमर्शियल टैक्स वसूला जाता है। ऐसे में सभी 100 वार्ड में कुछ ऐसे भी मामले आ रहे हैं, जिनमें भवन निर्माण के बाद सेल्फ असेसमेंट में गलत ब्योरा दिया गया है।

 

नगर निगम के पास महज 12 कर निरीक्षक

करीब 13 हजार व्यावसायिक भवनों के सत्यापन की कार्रवाई की जानी है, लेकिन निगम के पास महज 12 कर निरीक्षक हैं। कर अधीक्षक भी सत्यापन अभियान में शामिल हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में मौजूद प्रतिष्ठानों का सत्यापन कब पूरा हो सकेगा इस पर सवाल उठ रहे हैं। अभी निगम ने महज नौ प्रतिष्ठानों का सत्यापन कर चार गुना जुर्माना लगाया है।

 

एक लाख से कम के बकायेदारों को भी भेजे जाएंगे बिल नगर निगम भवन कर वसूली के लिए भी तमाम प्रयास कर रहा है। बड़े बकायेदारों को बिल भेजकर भुगतान को कहा जा रहा है। हालांकि, बड़ी संख्या में करदाता भुगतान भी कर रहे हैं। कर अनुभाग की ओर से अब एक लाख रुपये से कम के बकायेदारों को भी बिल भेजने की तैयारी है। ऐसे बकायेदारों की सूची तैयार की जा रही है।

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