बैंकॉक/नोम पेन्ह।
थाईलैंड और कंबोडिया ने शनिवार को सीमा विवाद को लेकर जारी सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से एक नए युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे से प्रभावी हो गया है। इसके तहत दोनों देशों ने लड़ाई रोकने, किसी भी तरह की नई सैन्य गतिविधि न करने और एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र का सैन्य उद्देश्यों के लिए उल्लंघन न करने पर सहमति जताई है।
समझौते की एक अहम शर्त के अनुसार, युद्धविराम 72 घंटे तक पूरी तरह कायम रहने के बाद थाईलैंड जुलाई में पकड़े गए कंबोडिया के 18 सैनिकों को रिहा करेगा। इन सैनिकों की वापसी कंबोडिया की प्रमुख मांग रही है। दोनों पक्षों ने इससे पहले जुलाई में हुए युद्धविराम और उसके बाद किए गए समझौतों का भी पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
गौरतलब है कि पिछले करीब छह महीनों में यह थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चौथा युद्धविराम समझौता है। ताजा संघर्ष करीब 20 दिनों तक चला, जिसमें थाईलैंड द्वारा कंबोडिया पर हवाई हमले किए गए। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, शनिवार सुबह भी कुछ स्थानों पर हमलों की सूचना मिली थी, हालांकि इसके बाद युद्धविराम लागू हो गया।
इससे पहले जुलाई में मलेशिया की मध्यस्थता से पहला बड़ा युद्धविराम हुआ था, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में लागू किया गया था। ट्रंप ने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि यदि वे संघर्ष विराम पर सहमत नहीं होते हैं तो व्यापारिक सुविधाएं रोकी जा सकती हैं। बाद में अक्टूबर में मलेशिया में हुए एक क्षेत्रीय सम्मेलन में इन समझौतों को औपचारिक रूप दिया गया, जिसमें ट्रंप भी शामिल हुए थे।
हालांकि, इन समझौतों के बावजूद दोनों देशों के बीच बयानबाजी और सीमा पर छिटपुट हिंसा जारी रही, जो दिसंबर की शुरुआत में बड़े संघर्ष में बदल गई। बार-बार संघर्ष और युद्धविराम के इस चक्र ने क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताजा समझौते से उम्मीद जताई जा रही है कि सीमा पर तनाव कम होगा और हालात सामान्य होने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
