दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड के आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग ने योगगुरु बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी व पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। विभाग के राज्य औषधि अनुज्ञापन अधिकारी ने दिव्य फार्मेसी व पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की 14 औषधियों के लाइसेंस निलंबित करते हुए निर्माण पर रोक लगा दी है।
आइएमए की पहली टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबा रामदेव को फटकार लगाने के बाद आइएमए की पहली टिप्पणी सामने आई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डा.आरवी अशोकन ने सोमवार को कहा कि बाबा रामदेव ने उस समय हद पार कर दी जब उन्होंने दावा किया कि उनके पास कोविड-19 का उपचार है। उन्होंने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को मूर्खतापूर्ण एवं दिवालिया विज्ञान कहकर बदनाम किया।
भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामदेव और उनकी औषधि कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाए जाने के बाद आइएमए की यह पहली टिप्पणी है। सुप्रीम कोर्ट में 30 अप्रैल को मामले की सुनवाई होने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट आइएमए की 2022 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक पद्धतियों को बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।कोर्ट ने पिछले महीने रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से भ्रामक विज्ञापनों पर उसके आदेशों का पालन नहीं करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था।