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ग्लोबल टाइगर डे पर सीआरवीआर रामनगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने किया वर्चुअली प्रतिभाग

देहरादून : ग्लोबल टाइगर डे पर सीआरवीआर रामनगर में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनों एवं वन्य जीवों का संरक्षण देवभूमि की संस्कृति एवं दैनिक जीवन का अभिन्न अंग है तथा प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना हमारा संस्कार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्तराखण्ड की संस्कृति है जो हमें धरोहर के रूप में पुरखों से संस्कार में मिली है। हमें इको टूरिज्म में स्थानीय समुदाय की और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए होम स्टे, बर्ड वॉचिंग व अन्य क्रियाकलापों पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बाघों की संख्या में इजाफा होने पर उत्तराखण्ड की जनता, वन विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही स्थानीय प्रतिभागियों को बधाई दी। कहा कि वर्ष 2018 में 442 बाघों की संख्या थी जो वर्ष 2022 तक बढ़ कर 560 हो गई है। उन्होंने देशभर के टाइगर रिजर्व से पहुँचे प्रमुख वन्य जीव संरक्षकों से जिम कॉर्बेट संग्राहलय कालाढूंगी में जाने का अनुरोध किया। कहा कि विश्व विख्यात जिम कॉर्बेट ने अपने जीवन का काफी समय कालाढूंगी में व्यतीत किया। कालाढूंगी में उनका पुराना घर है जिसे एक संग्रहालय का रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हल्द्वानी में जल्द ही वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल का शिलान्यास भी किया जाएगा। वन्य जीव और मानव संघर्ष के प्रकरणों पर विभाग को स्वतः ही सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुमन्य सहायता दी जानी चाहिए। जिससे पीड़ित पक्ष को अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। केंद्रीय वन, पर्यावरणीय ,जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि प्रकृति की रक्षा करना मानव जीवन का कर्तव्य है। जब मनुष्य प्रकृति की रक्षा करेगा तो प्रकृति स्वयं ही प्राणियों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि आज बाघ संरक्षण के 05 दशक पूरे किए हैं जो कि उपलब्धियों से परिपूर्ण है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री एवं पर्यटन रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, भीमताल राम सिंह, नैनीताल सरिता आर्या, यमकेश्वर रेणु बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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