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उत्तराखंड में डेंगू को लेकर चुनौतियां बरकरार, अब तक कुल 1663 मामलें; दून में अधिक खतरा

डेंगू फैलाने वाले मच्छर का डंक कमजोर होने का नाम नहीं ले रहा है। मैदान से लेकर पहाड़ तक डेंगू के एकाध नहीं, बल्कि अनेक मामले मिल रहे हैं। बीते सोमवार को देहरादून सहित पांच जिलों में डेंगू के 75 नए मामले मिले।

पौड़ी में सबसे अधिक 34 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा देहरादून व नैनीताल में 15-15, चंपावत में आठ और ऊधमसिंह नगर में तीन लोगों को डेंगू का डंक लगा है।

प्रदेश में अभी तक डेंगू के 1663 मामले मिल चुके हैं। जिनमें 1342 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं और वर्तमान में 307 सक्रिय मामले हैं। वहीं डेंगू से देहरादून में 13 और नैनीताल में एक मरीज की मौत भी अब तक हो चुकी है। बात

 

देहरादून में डेंगू सबसे ज्यादा प्रभावित

अगर जनपदवार करें तो देहरादून डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित है। यहां पर इस सीजन में अभी तक डेंगू के 794 मामले आ चुके हैं। इसके अलावा हरिद्वार में 310, नैनीताल में 262, पौड़ी में 188, ऊधमसिंह नगर में 44, चमोली में 30 और चंपावत में 14 लोगों को डेंगू हो चुका है।

 

डेंगू को लेकर चुनौतियां बरकरार

मौसम का मौजूदा मिजाज डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर के लिए मुफीद है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी मानना है कि तापमान का स्तर जब तक 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ जाता है, तब तक मच्छर की सक्रियता बनी रह सकती है। यानी डेंगू के लिहाज से फिलहाल चुनौतियां बरकरार हैं।

 

डेंगू के रोकथाम के लिए उठाए जा रहे हैं हर प्रभावी कदम

उधर, डेंगू की रोकथाम में जुटे महकमों का दावा है कि हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उच्चाधिकारी भी अपने अधीनस्थों को लगातार निर्देशित कर रहे हैं। जगह-जगह अभियान चलाकर फागिंग व लार्वानाशक का छिड़काव किया जा रहा है। जिन स्थानों पर डेंगू मच्छर का लार्वा मिल रहा है, उसे मौके पर ही नष्ट किया जा रहा है।

 

लोगों को डेंगू से बचाव के लिए कर रहे जागरूक

विभागीय टीमें व वालेंटियर्स भी घर-घर पहुंचकर लोगों को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। खास बात यह कि स्वच्छता के प्रति लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध भी कड़ा एक्शन लिया जा रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद डेंगू का मच्छर अपना कहर बरपा ही रहा है।

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