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कूनो में पीएम मोदी के चीता छोड़ने से लेकर 6 की मौत तक, किसी की बीमारी तो किसी की फिजिकल होने में हुयी मौत

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में गुरुवार को दो चीता शावकों की माैत से लोगों के दिमाग में यह सवाल उठा रहा है कि आखिर यह कैसे हो रहा है। सवाल उठे भी क्यों न क्योंकि यहां अब तक कुल छह चीतों की माैत हो चुकी है। जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के अवसर पर यहां पर पहले से ही विलुप्त हो चुकी बिल्ली प्रजातियों को पुनर्जीवित करने के लिए नामीबियाई से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था। इन्हीं चीतों में से एक चीता ज्वाला भी है। ज्वाला ने इसी साल मार्च में चार बच्चों को जन्म दिया था। इनमें से एक बच्चे की माैत 23 मई को हो गयी। वहीं दो बच्चों की माैत 25 मई को हो गयी। एक अन्य बीमार है। बच्चों की माैत से ज्वाला काफी परेशान है क्योंकि उसके चार बच्चों में से अब तक तीन बच्चों की मौत हो चुकी है।

 

 

तीन अन्य बड़े चीतों की भी मौत

 

वहीं इन चीता शावकों के अलावा अब तक तीन अन्य बड़े चीतों की भी माैत हो चुकी है। नामीबियाई चीतों में एक चीता साशा की 27 मार्च को माैत हुयी थी। कहा जा रहा है कि उसे किडनी से रिलेटेड परेशानी थी। वहीं एक अन्य चीता उदय भी बीते 23 अप्रैल को इस दुनिया को अलविदा कह गया। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका से आयी मादा चीता दक्षा की भी माैत हो चुकी है। दक्षा को लेकर यह बात सामने आयी की जब वह मेल चीते के साथ फिजिकल हो रही थी तभी घायल हो जाने के बाद इलाज के दाैरान उसकी माैत हुयी। बता दें कि आखिरकार मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान चीता की गिनती अब 18 हो गई है, जिसमें एक शावक भी शामिल है, जो अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है। 17 वयस्कों में से सात नामीबियाई और 10 दक्षिण अफ्रीकी हैं।

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