onwin giriş
Home Other उत्तराखंड

दून-मसूरी में आज तीव्र बौछारों के आसार, बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे अभी भी अवरुद्ध

उत्तराखंड में बादलों के डेरे के बीच बौछारों का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार आज भी दून में तीव्र बौछार के एक से दो दौर हो सकते हैं। इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

 

दोपहर बाद देहरादून में बारिश, बिंदाल और रिस्पना नदी में उफान

दोपहर बाद देहरादून में झमाझम बारिश से सड़कें जलमग्न हो गईं। सुबह से बादलों के बीच उमस ने बेहाल किया। दोपहर बाद झोंकेदार हवाओं के साथ शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में तेज बौछारें शुरू हुईं।

 

 

करीब एक घंटे से अधिक समय से झमाझम बारिश हो रही है। प्रमुख मार्गों के साथ ही चौक-चैराहे बारिश के पानी से सराबोर हो गए। नालियां चोक होने से कई गलियों में पानी भर गया। बिंदाल और रिस्पना नदी में भी उफान है।

 

बदरीनाथ हाईवे कई जगह मलबा आने बंद

चमोली में बदरीनाथ हाईवे कई जगह मलबा आने बंद पड़ा है। हाईवे छिनका और टयापुल विष्णु प्रयाग में भूस्खलन से बंद है। मार्ग खोलने का काम जारी है।

 

गंगोत्री हाईवे लालढांग के पास बंद

उत्तरकाशी सहित आसपास के क्षेत्रों में सोमवार रात के समय वर्षा हुई।‌ वर्तमान में भी यहां मौसम खराब बना हुआ है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान लालढांग भटवाड़ी के पास थिरांग, हेल्गूगाड़ के पास यातायात हेतु सुचारू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में धरासू से गंगोत्री तक मार्ग यातायात सुचारू है।

 

उत्तरकाशी में सोमवार की रात कुआं बर्नीगाड़ लिफ्ट सिंचाई योजना का हेड यमुना नदी के तेज बहाव के भेंट चढ़ गया। जिससे नौगांव विकास खंड के जरड़ा, कुवां, छुड़ी, तेड़ा समेत सिगुड़ी के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है।

 

वहीं मोरी तहसील क्षेत्र में सांकरी, नैटवाड़, आराकोट बंगाण पट्टी में वर्षा थमने व मौसम साफ होने के बाद भी सड़कें जगह-जगह धंस रही हैं। तहसील क्षेत्र में अधिकांश सड़कें अवरुद्ध हैं। जिन्हें सुचारू करने के दावे केवल हवाई साबित हो रहे हैं। आराकोट बंगाण के 15 गांवों को जोड़ने वाली सड़क 17 दिनों से नहीं खुल पायी है। जबकि सेब की मोरी तहसील क्षेत्र में सेब की फसल तैयार होने वाली है।

 

सात जिलों के लिए यलो अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज इसी प्रकार का बना रहने का अनुमान है। आज देहरादून, टिहरी, चमोली, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। इसके लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं।

 

बदरीनाथ हाईवे का 100 मीटर हिस्सा बहा, चौथे दिन भी नहीं खुला यमुनोत्री हाईवे

पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के चलते सड़कों के अवरुद्ध होने का सिलसिला जारी है। रविवार को चमोली जिले के गौचर और रुद्रप्रयाग के बीच कमेड़ा में बदरीनाथ हाईवे का 100 मीटर हिस्सा बहने के साथ सुरक्षा दीवार ढह गई, जिससे यातायात बाधित हो गया। उधर, उत्तरकाशी जिले में डाबरकोट के पास यमुनोत्री हाईवे चौथे दिन मंगलवार को भी नहीं खोला जा सका। इसके चलते पिछले तीन दिन से एक भी तीर्थयात्री ने यमुनोत्री धाम में दर्शन नहीं किए हैं।

 

रास्ता बाधित होने से हाईवे पर स्याना चट्टी और जानकी चट्टी के बीच फंसे करीब 200 तीर्थ यात्रियों को त्रिखली से ओजरी होते हुए दो किमी लंबे पैदल मार्ग से निकाला गया। जबकि, अपने वाहनों में आए 50 तीर्थयात्री स्याना चट्टी के पास ही हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे भी करीब पांच घंटे अवरुद्ध रहा।

 

चमोली जिले में भारी वर्षा के चलते आएदिन बदरीनाथ हाईवे बाधित रहने से बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार रात भर हुई वर्षा के बाद सोमवार सुबह रुद्रप्रयाग और गौचर के बीच बदरीनाथ हाईवे का बड़ा हिस्सा बह गया। अधिकारियों के अनुसार हाईवे खुलने में अभी दो से तीन दिन का समय लग सकता है।

 

हाईवे बाधित होने से सड़क के दोनों ओर फंसे वाहनों को रुद्रप्रयाग से पोखरी होते हुए कर्णप्रयाग भेजा जा रहा है। इसी तरह कमेड़ा और गौचर में फंसे वाहनों को कर्णप्रयाग होते हुए पोखरी-रुद्रप्रयाग मार्ग से भेजा जा रहा है। हालांकि इसके लिए 60 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। लेकिन, इस मार्ग पर भी चौड़ीकरण होने के चलते जगह-जगह मलबा पड़ा है।

 

वर्षा में दलदल बन जाने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। गढ़वाल को कुमाऊं मंडल से जोड़ने वाला गैरसैंण-कर्णप्रयाग राज्यमार्ग पिछले पांच दिन से बाधित है। कुमाऊं मंडल में चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग भी अवरुद्ध है।

 

 

 

 

 

 

 

Similar Posts