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अक्टूबर में होगी जेल विकास बोर्ड की पहली बैठक, कैदियों की दशा सुधारने के संबंध में की जाएगी चर्चा

प्रदेश की जेलों की स्थिति सुधारने, कैदियों के पुनर्वास और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से गठित जेल विकास बोर्ड (Prison Development Board) की पहली बैठक अक्टूबर (October) में होगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) करेंगे, जिसमें कैदियों की दशा सुधारने के संबंध में चर्चा की जाएगी। साथ ही जेलों में तैयार होने वाले सामान के विक्रय को लेकर भी कार्ययोजना बनाई जाएगी।

 

उत्तराखंड में इस समय है 11 जेल

उत्तराखंड (Uttarakhand) में इस समय 11 जेल हैं। इन जेलों में सात हजार से अधिक कैदी बंद हैं, जो इनकी धारण क्षमता से कहीं अधिक है। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, सितारगंज जैसी बड़ी जेलों में कई ऐसे कैदी हैं, जो आजीवन कारावास काट रहे हैं। इनमें से कई कैदी ऐसे भी हैं, जो अच्छे कारीगर हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव के चलते वे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा सकते।

 

जेलों में चल रहे हैं फर्नीचर, कारपेट अन्य कार्य

इस समय कई जेलों में फर्नीचर, कारपेट, रिंगाल का सामान, एपण कला का कार्य चल रहा है। इनसे जेलों को अच्छी आय हो जाती है। कई बार देखा गया है कि कच्चा माल न मिलने के कारण कैदी सामान तैयार नहीं कर पाते। अब यह समस्या जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फंड से पूरी हो सकेगी।

 

पिछले साल जेल विकास बोर्ड के गठन का लिया गया था फैसला

प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जेल विकास बोर्ड (Prison Development Board) के गठन का निर्णय लिया था। इसमें पांच सदस्य हैं। इनमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, वित्त और महानिरीक्षक जेल शामिल हैं।

 

बोर्ड का मुख्य कार्य है कैदियों की मानवीयता के साथ देखभाल करना

इस बोर्ड का मुख्य कार्य कैदियों की मानवीयता के साथ देखभाल करना, उनकी रिहाई के बाद कानून का पालन करना और बेहतर जीवन जीने में सहायता करना है। साथ ही जेलों का विकास भी करना है। इस बोर्ड की बैठक लंबे समय से लंबित है।

 

 

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