आज जहां पहाड के लोग कनाडा य अमेरिका जा के बसना चाह रहे हैं वही उत्तराखण्ड के युवा उघमी मितेश सेमवाल ने अन्टाराष्ट्रीय एस्पोट कंपनी के साथ एक बड़ा करार कर के एक अनूठी मिसाल प्रस्तुत की है। मितेश सेमवाल अपने माता-पिता के ग्रामीण उघम को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने जा रहे हैं।
पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि उन्हें कनाडा की एक बड़ी स्थापित फर्म हिमशक्ति से अन्तयष्ट्रीय “रोजमेरी ” की खेती का आर्डर प्राप्त हुआ है। हिमशक्ति फ्रांस व भारत के संयुक्त तत्वधान में बनी हुई कंपनी है जिसके फांउडर, हर्षित ने बताया कि हिमालय के गांव और जलवायु रोजमेरी व लैवेंडर के लिए वरदान हैं और वे उत्तराखंड से आने वाले सालों में अन्य ऐसी फसलों को विदेशों में निर्यात कर के बहुमूल्य डॉलर भारत में लाना चाहते हैं।