कांग्रेस पार्टी ने पूरे देश में “मेरे विकास का दो हिसाब” की शुरूआत करते हुए कैंपेन चलाते हुए केन्द्र की मोदी सरकार से 10 साल के विकास का हिसाब मांगा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रशासन एवं संगठन मथुरादत्त जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिये “मेरे विकास का दो हिसाब” कैंपेन लॉंच कर पूरे चुनाव को फिर से जनता के मुद्दों की ओर मोड़ते हुए भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारों से विकास का हिसाब मांगा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता प्रत्येक चुनाव मे विकास के मुद्दों की बजाय भावनात्मक मुद्दे बदल-बदल कर हवा-हवाई चुनाव लड़कर बाहर निकलना चाह रही है वहीं कांग्रेस पार्टी ने देश के विकास व जनहित से जुड़े मुद्दे उठाकर भारतीय जनता पार्टी पर जनता की ओर से सवालों की बौछार करने का निर्णय लिया है।
मथुरादत्त जोशी ने कहा कि आज पहली बार भारतीय जनता पार्टी चारों तरफ से घिर चुकी है तथा जनता के ज्वलंत सवालों से बचने का रास्ता खोजती नज़र आ रही है। उन्होंने कहा कि अब जनता भारतीय जनता पार्टी की जुमलेबाजी से अजीज आ चुकी है तथा जनहित से जुड़े मुद्दों तथा विकास पर हिसाब चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह कैंपेन केवल सोशल मीडिया तक नहीं बल्कि सोशल, डिजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी मज़बूती से चलाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास जनहित से जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं है। पिछले 10 सालों में भाजपा कभी कालाधन वापस लायेंगे, कभी 15-15 लाख देंगे तो कभी 2 करोड़ नौकरी देंगे जैसे जुमलों पर जनता को भ्रमित करती आई है परन्तु इस लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा के झूठे वादों, जुमलेबाजी तथा झांसों में आने वाली नहीं है।
मथुरादत्त जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस कैंपेन के ज़रिए अपनी नीतियों के माध्यम से किसान, युवा, बेरोजगार, महिला, व्यापारी और छात्रों सहित कई महत्वपूर्ण वर्गों की आवाज़ उठाकर पूरे चुनाव अभियान को ‘‘भाजपा बनाम जनता” करने में सफलता हासिल की है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोशी ने कहा कि कांग्रेस ने जिन मुद्दों पर जनता के बीच जाने का फैसला लिया है उसके तहत ’मेरे विकास का दो हिसाब’ दो अभियान के माध्यम से भाजपा से सवाल किये हैं कि देश के कुल बेरोजगारों में 83 प्रतिशत युवा क्यों हैं? सालाना 2 करोड़ नौकरियां कहां हैं? देश में 30 लाख सरकारी पद खाली क्यों हैं? हर परीक्षा का पेपर लीक क्यों होता है? कॉरपोरेट का 16 लाख करोड़ माफ हो गया लेकिन हमारे किसान कर्ज से आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? किसानों की आय दोगुनी कब होगी? किसानों को एमएसपी कब मिलेगी?
जातिगत जनगणना और भागीदारी’- देश के संस्थानों विभागों और संसाधानों में हमारे दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब सवर्णों की उचित भागीदारी क्यों नहीं है? महंगाई आज चरम पर क्यों है? घर चलाना मुश्किल क्यों है? आम लोग अपना परिवार क्यों नहीं चला पा रहे हैं? महिलाओं के साथ अत्याचार क्यों बढ़ रहे हैं? महिलाओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों को संरक्षण देना कब बंद होगा?
मथुरादत्त जोशी ने यह भी कहा प्रत्येक चुनाव में झूठे वादों, जुमलेबाजी तथा बदल-बदल कर जनता को भ्रमित करने वाले मुद्दों की देश की जनता इन सवालों के माध्यम से भाजपा के अबकी बार चार सौ के पार नारे की हवा निकालने जा रही है।