प्रदेश में मतदान प्रतिशत में वृद्धि के लिए राज्य में अब मतदेय स्थलों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके लिए ग्रुप हाउसिंग सोसायटी व झुग्गी-झोपडिय़ों के नजदीक भी मतदेय स्थल बनाए गए हैं। प्रदेश में 77 नए मतदेय स्थल बनाए गए हैं। अब इनकी संख्या बढ़कर 11724 हो गई है। प्रदेश में पहले 11647 मतदेय स्थल थे।
शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी षणमुगम ने मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निर्धारण के संबंध में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि यह देखने में आया है कि शहरी क्षेत्र के मतदाता मतदान के प्रति उदासीन रहते हैं।
झुग्गी-झोपड़ी वालों को मिलेगा फायदा
इसे देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, ऊंची इमारतों के परिसरों तथा शहरी व अद्र्ध शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ी समूहों के पास मतदान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मतदेय स्थलों का शत-प्रतिशत सत्यापन करने और इनके पुनर्निर्धारण व संशोधन को लेकर मिले सुझावों के बाद नए मतदेय स्थल चिह्नित किए गए हैं। इनकी सूची वेबसाइट पर प्रकाशित करने के साथ ही राजनीति दलों के जिला स्तरीय प्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराई गई है।
1500 मतदेय केंद्र हुए क्षतिग्रस्त
उन्होंने बताया कि पुनर्निर्धारण में दो किमी से अधिक पैदल दूरी, 1500 से अधिक मतदाता संख्या व क्षतिग्रस्त होने, स्थान बदलने के कारण भी नए मतदेय स्थल बनाए गए हैं। साथ ही कुछ मतदेय स्थलों का विलय भी किया गया है। उन्होंने राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि यदि मतदेय स्थलों के संशोधन के संबंध में कोई प्रस्ताव हो तो नियत समय सीमा के भीतर उपलब्ध करा दिया जाए।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, सहायक निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास के साथ ही भाजपा से पुनीत मित्तल, कांग्रेस से अमरजीत सिंह, आम आदमी पार्टी से जोत सिंह बिष्ट, बसपा से प्रमोद कुमार व सीपीआइएम के अनंत आकाश उपस्थित थे।