दून की यातायात व्यवस्था को ध्वस्त करने के पीछे एक बड़ा कारण अतिक्रमण भी है। कहीं व्यापारिक प्रतिष्ठानों का सामान सड़क तक पसरा है तो कहीं सड़क और फुटपाथ पर खोखे आदि खड़े कर दिए गए हैं। अतिक्रमण पर पुलिस और संबंधित विभागों की चुप्पी के चलते ट्रैफिक जाम से आम से लेकर खास तक आजिज आ चुके हैं।
यातायात सुधार की दिशा में मुख्य सचिव के तेवर लंबे समय से तल्ख हैं और अब जिला प्रशासन का सब्र भी जवाब दे गया। अतिक्रमणकारियों को सबक सिखाने के लिए जिलाधिकारी ने प्रमुख सड़कों और चौराहों पर एक साथ 40 अधिकारियों की टीम उतार डाली। शहर को पांच जोन में बांटकर तीन घंटे तक ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 75 अतिक्रमण हटाए गए।
जिलाधिकारी सोनिका के निर्देशन में सभी जोन सोमवार दोपहर को एक साथ कार्रवाई शुरू की गई। सफेदपोशों के दबाव से कार्रवाई को बचाने के लिए अंतिम समय तक प्रशासन ने पत्ते नहीं खोले। ताकि अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ वास्तविक स्थिति का भी पता चल सके। तमाम सड़कों पर हालात विकट देखने को मिले।
कहीं सड़क, फुटपाथ और चौराहों पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों का सामान पाया गया, तो कहीं खोखे व अन्य निर्माण किए गए थे। यहां तक कि सड़कों पर निर्माण सामग्री भी यातायात में व्यवधान पैदा कर रही थी। बड़ी संख्या में अलग-अलग अधिकारियों की उपस्थिति और भारी फोर्स की तैनाती के चलते किसी ने विरोध का साहस भी नहीं जुटाया।
अभियान का है प्रथम चरण, जारी रहेगी कार्रवाई : डीएम
जिलाधिकारी (डीएम) सोनिका के मुताबिक यह अतिक्रमण हटाने का प्रथम चरण था। इसके तहत जनता की शिकायतों वाले स्थलों पर कार्रवाई की गई। यह स्थल प्रमुख सड़कों और चौराहों से संबंधित थे। इन क्षेत्रों की निगरानी की जाती रहेगी। साथ ही अगले चरण में शहर के अंदरूनी भाग की प्रमुख सड़कों/लिंक रोड पर भी कार्रवाई की जाएगी।
जोनवार हटाए गए अतिक्रमण का विवरण
- जोन 01 (मोहब्बेवाला से राजपुर रोड)
- कुल 17 अतिक्रमण हटाए गए
- जोन 02 (धूलकोट से कुंआवाला)
- कुल 22 स्थानों से अतिक्रमण हटाए गए
- जोन 03 (ब्रह्मकमल चौक से आइटी पार्क)
- जोन 04 (ट्रांसपोर्ट नगर से गढ़ी कैंट चौक)
- कुल 20 स्थानों से अतिक्रमण हटाए
- जोन 05 (छह नंबर पुलिया से एयरपोर्ट)
इन प्रमुख चौराहों के अतिक्रमण पर रहेगी नजर
- जोन एक : मोहब्बेवाला, चंद्रबनी, ग्राफिक एरा, ट्रांसपोर्ट नगर, आइएसबीटी, शिमला बाइपास, निरंजनपुर, लालपुल, मातावाला बाग, सहारनपुर चौक, रेलवे स्टेशन, प्रिंस चौक, तहसील चौक, दर्शनलाल चौक, साई मंदिर, ओल्ड राजपुर।
- जोन दो : धूलकोट, झाझरा, सुद्धोवाला, नंदा की चौकी, प्रेमनगर, आइएमए, एफआरआइ, बल्लूपुर, किशन नगर, बिंदाल, सुभाष रोड-कान्वेंट रोड, एमकेपी, सीएमआइ, आराघर, आराघर-टी, अग्रवाल बेकरी, धर्मपुर, नेहरू कालोनी, रिस्पना, विधानसभा, जोगीवाला, मियांवाला।
- जोन तीन : धोरण, आइटी पार्क, कृषाली, नागल हटनाला, सहस्रधारा क्रासिंग, नाला पानी, सर्वे चौक, तपोवन।
- जोन चार : घंटाघर, कोतवाली/ओरिएंट/एश्लेहाल, ग्लोब, यूकेलिप्टस, दिलाराम, ब्रह्मकमल, मसूरी डायवर्जन, आजाद कालोनी, कारगी, पुरानी पुलिस चौकी, अन्ना हजारे, तेलपुर, डीएसपी, सेंट ज्यूड्स, सेंट ज्यूड्स-टी, सेवला कलां, कमला पैलेस, बल्लीवाला, ओएनजीसी, गांधी कैंट।
- जोन पांच : छह नंबर पुलिया, डोभाल चौक, हाथीखाना, किद्दुवाला, महाराणा प्रताप, अस्थल, शेरकी, कुठाल गेट।
पुलिस को वाहन बर्दाश्त नहीं, अतिक्रमण पर चुप्पी
वाहन सड़कों पर ही चलेंगे और इसके लिए वाहन स्वामी रोड टैक्स भी जमा कराते हैं। जब वाहनों को सड़कों पर चलने का कानूनी अधिकार प्राप्त है तो वह खड़े भी सड़क पर ही होंगे। दून में तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठानों के पास पार्किंग नहीं है। तमाम काम्प्लेक्स तक भी पार्किंग मानकों का उल्लंघन करते हैं।
हमारा सिस्टम पर्याप्त पार्किंग तक मुहैया नहीं करा पा रहा। ऐसे में लोग वाहनों को सड़क किनारे उपलब्ध जगह पर ही पार्क करेंगे। पुलिस को यह बर्दाश्त नहीं है और जनता के वाहनों को उठा लिया जाता है। पुलिस की यह एकतरफा कार्रवाई जनता के बीच आतंक का पर्याय बनती दिख रही है।
होना यह चाहिए कि सड़क और फुटपाथ पर से अतिक्रमण हटाकर पार्किंग लायक जगह बनानी चाहिए। इसी बात को समझते हुए एमडीडीए ने राजपुर रोड पर स्ट्रीट पार्किंग के रूप में स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था शुरू की। जब इस तरह सड़क किनारे पार्किंग कराई जा सकती है तो अन्य सड़कों पर ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
सच्चाई यह है कि पुलिस के पास अतिक्रमण हटाने का न साहस है और न ही इतनी मेहनत करने को अधिकारी तैयार रहते हैं। सबसे आसान काम है कि जनता के वाहनों को उठा लो और फिर छुड़ाने के एवज में शुल्क वसूल करो। दूसरी सच्चाई यह भी है कि जिन प्रतिष्ठित स्कूलों में अधिकारियों के बच्चे पढ़ते हैं, उनकी पार्किंग नियमों की अनदेखी की तरफ अधिकारी झांकने तक कि जहमत नहीं उठाते हैं।
शहर की विभिन्न प्रमुख सड़कों और चौराहों पर इस तरह चली अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई। इस दौरान जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने अस्थायी से लेकर स्थायी प्रकृति के अतिक्रमण हटाए। साथ ही जिलाधिकारी ने अतिक्रमण हटाने वाले स्थलों की निरंतर निगरानी करने को भी कहा है।