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सैकड़ों भारतीय एमबीबीएस छात्र आखिर में अपनी डॉक्टरी पूरी करने यूक्रेन संकट के सूत्रधार रूस पहुंचे हैं।

ऑपरेशन गंगा के तहत 17 हजार से अधिक भारतीय जिनमें अधिकतर छात्र थे निकाले गए थे। कई भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए यूक्रेन से निकाले जाने के बाद कोई विकल्प नहीं बचा था।

युद्ध से घिरे यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए सैकड़ों भारतीय एमबीबीएस छात्र आखिर में अपनी डॉक्टरी पूरी करने यूक्रेन संकट के सूत्रधार रूस पहुंचे हैं। अंतिम वर्ष की छात्रा 25 वर्षीय जिसना जिजि पिछले साल रूस पहुंचीं थीं और इस साल जुलाई में वे अपनी डिग्री पूरी करेंगी। जिजि की तरह सैकड़ों छात्र रूस से इसी तरह अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।

जिजि के मुताबिक रूस में बड़ी गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया गया। रूस ने किसी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला। हमें अपनी पढ़ाई आगे पूरी करने की अनुमति दी गई जिससे हमारा समय बर्बाद नहीं हुआ। केरल की रहने वाली जिजि ने रूस के आर्कान्जेस्क की नार्दन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस पूरा किया है। पिछले साल वह यूक्रेन के सूमी की एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के पांचवें वर्ष में थीं।

ऑपरेशन गंगा के तहत 17 हजार से अधिक भारतीय जिनमें अधिकतर छात्र थे निकाले गए थे। कई भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए यूक्रेन से निकाले जाने के बाद कोई विकल्प नहीं बचा था। बाद में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अन्य देशों के विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण ले लिया। इनमें रूस, सर्बिया, उज्बेकिस्तान और अन्य यूरोपीय देशों में गए हैं।

पिछले साल सितंबर में, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद   (एनएमसी) ने नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि एनमएसी अन्य देशों से शेष पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को स्वीकार करेगा।

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