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चारधाम यात्रा २०२३ में यात्रियों के लिए संयुक्त रोटेशन के साथ चलेंगी रोडवेज बसें, होगी यह वैकल्पिक व्यवस्था भी

उत्तराखंड में इस वर्ष शुरू होने वाली चारधाम यात्रा परिवहन विभाग की भी परीक्षा लेगी। परिवहन विभाग के सामने मुख्य चुनौती देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की रहेगी।

गत वर्ष के अनुभव को देखते हुए विभाग इस बार अभी से वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। इसके अंतर्गत परिवहन निगम की बसों का संचालन करने के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में कुमाऊं मंडल के व्यावसायिक वाहनों व स्कूल बसों की व्यवस्था की जा रही है। जरूरत पडऩे पर अन्य राज्यों से भी छोटे व्हील बेस वाले वाहन लिए जाएंगे।

बड़ी संख्या में देश-विदेश से उत्तराखंड आते हैं श्रद्धालु

चारधाम यात्रा में हर वर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। ये श्रद्धालु निजी वाहनों के साथ ही व्यावसायिक वाहनों का भी उपयोग करते हैं। चारधाम यात्रा के लिए हर वर्ष ऋषिकेश से संयुक्त रोटेशन के तहत वाहनों का संचालन होता है। इसके अलावा ट्रेवल एजेंसियों के माध्यम से भी बुकिंग होती है।

गत वर्ष चारधाम यात्रा के लिए 20 हजार ग्रीन कार्ड बने थे। इनमें 12 हजार ग्रीन कार्ड स्थानीय व्यावसायिक वाहनों और आठ हजार ग्रीन कार्ड दूसरे राज्यों के वाहनों के बने थे। इस तरह देखा जाए तो यात्रा मार्ग पर तकरीबन 20 हजार व्यावसायिक वाहनों का संचालन हुआ।

विभाग की तमाम तैयारियों के बीच यात्रा में इतने श्रद्धालु उमड़े कि उन्हें यात्रा पर ले जाने के लिए वाहनों की कमी पड़ गई। ऐसे में परिवहन निगम की बसों के साथ ही स्कूली बसें लगाई गई और कुमाऊं मंडल से भी यात्रा पर वाहन भेजे गए।

स्थानीय मार्गों पर चलेंगे 60 प्रतिशत वाहन

चारधाम यात्रा के दौरान स्थानीय निवासियों के लिए संपर्क मार्गों में वाहनों की कमी हो जाती है। इसका मुख्य कारण यह कि इन मार्गों के वाहन अधिक कमाई के लिए यात्रा मार्ग पर संचालित होने लगते हैं। इसे देखते हुए परिवहन निगम ने इस वर्ष संपर्क मार्ग के परमिटधारी वाहनों के लिए एक व्यवस्था बनाई है।

इसके अंतर्गत हर मार्ग पर चलने वाले वाहनों के कुल 40 प्रतिशत वाहन ही यात्रा मार्ग पर चलेंगे। 60 प्रतिशत वाहन स्थानीय मार्गों पर ही संचालित होंगे। बावजूद इसके यदि वाहनों की कमी होती है तो फिर परिवहन निगम की बसों को संपर्क मार्गों पर संचालित किया जाएगा।

कमी पडऩे पर रोडवेज से ली जाएंगी बसें

परिवहन विभाग ने इस वर्ष संयुक्त रोटेशन के साथ ही अन्य वाहनों को संचालित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत परिवहन निगम की 100 बसों का संचालन यात्रा मार्ग पर किया जाएगा। साथ ही 100 स्कूली बसों को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में यात्रा के लिए अधिग्रहित किया जाएगा। कुमाऊं मंडल से भी 50 बसें ली जा रही हैं

100 नई छोटी बसों को भी यात्रा मार्ग पर चलाने की तैयारी

हाल ही में परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक की। इसमें उन्होंने बताया था कि निगम के बस बेड़े में जल्द 200 सीएनजी, 100 छोटी बसें और 50 इलेक्ट्रिक बसें शामिल होंगी। इनका इस्तेमाल यात्रा के साथ ही स्थानीय परिवहन सेवाओं को मजबूत करने में किया जाएगा।

एक केंद्र से एक धाम तक चलेगी परिवहन निगम की बसें

शासन ने इस बार स्पष्ट किया है कि परिवहन निगम की बसों का संचालन चारधाम यात्रा के लिए भले ही किया जा रहा हो, लेकिन ये बसें एक केंद्र से एक धाम तक ही संचालित होंगी। एक बस चारों धाम के लिए नहीं जाएगी। इससे स्थानीय निवासियों के लिए परिवहन सुविधाओं की कमी नहीं होगी।

गत वर्ष चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या

 

  • यमुनोत्री – 485688
  • गंगोत्री – 624516
  • केदारनाथ – 1563275
  • हेमकुंड – 190264
  • बदरीनाथ – 1763549
  • कुल – 4627292

 

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