योग और अध्यात्म के रूप में समूचे विश्व में अलग पहचान रखने वाली तीर्थ नगरी ऋषिकेश में जी-20 की तीसरी बैठक के तहत आयोजित गंगा आरती कई मायनों में समूचे विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देने में सफल रही है। विशेष रुप से इसमें शामिल होने वाले मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों ने गंगा आरती में सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।
आरती स्थल पर यहां की संस्कृति की गूढ़ता को समझने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी दुबई से आई यह मेहमान लालायित नजर आए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में बुधवार की शाम आयोजित गंगा आरती में शामिल हुई। दुबई की दो युवतियां सभी का ध्यान अपनी और आकृष्ट कर रही थी। पूरे समय यह दोनों मेहमान एक साथ रहे।
गंगा आरती शुरू होने से पहले सनातन परंपरा के अनुसार होने वाले स्वागत को लेकर वह पूरी तरह से सहज दिखी। गंगा आरती शुरू होने के बाद इन दोनों विदेशी मेहमानों ने आरती की जोत अपने हाथ में लेकर 21 मिनट तक पूरे मनोयोग और आत्मीय भाव के साथ मां गंगा की आरती उतारी।
श्री गंगा सभा की ओर से दी गई भेंट गंगा जली, भांग के पौधे की छाल से निर्मित अंग वस्त्र, शिवत्व के प्रतीक रुद्राक्ष की माला, पंचमेवा प्रसाद को इन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। गंगा तट पर यह मेहमान गंगा तट के मनोरम दृश्यों को अपने मोबाइल पर कैद करती नजर आई।
आरती संपन्न होने के पश्चात प्रबुद्ध जन से यह मेहमान बातचीत सांझा करते नजर आए। आरती के पश्चात गंगा तट पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ भी किसी विषय पर निर्णय कुछ पल चर्चा की। इससे पूर्व नरेंद्र नगर में बीते मंगलवार को योग सत्र में भी यह दोनों दुबई से आई मेहमान सकरी भूमिका में नजर आई बुधवार को जनपद पौड़ी के स्वर्गाश्रम स्थित चौरासी कुटी शंकराचार्य नगर मे भी इन्होंने योगाभ्यास किया।
विजिटर बुक में अनुभव साझा किये
संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी दुबई से आई दोनों युवतियां त्रिवेणी घाट में होने वाली गंगा आरती में सक्रिय रूप से प्रतिभाग करने के बाद अपने अनुभव को सांझा करने में भी पीछे नहीं रही। श्री गंगा सभा के सदस्य रमन शर्मा ने बताया कि गंगा सभा की विजिटर बुक में भी इन दोनों ने अपनी ओर से कुछ पंक्तियां लिखकर अपनी बात सांझा की।