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कोरोनाकाल में दून मेडिकल कालेज 462 उपनल कर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक गई

कोरोनाकाल में दून मेडिकल कालेज में आउटसोर्स पर रखे गए 462 उपनल कर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। मेडिकल कालेज प्रशासन 31 मार्च को इनकी सेवा समाप्त करने जा रहा है। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने उपनल को भी इस संबंध में पत्र भी भेज दिया है। कोरोना के मामले बड़ने पर मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए सरकार ने राजकीय मेडिकल कालेजों में स्टाफ नर्स, फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्निीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, कंप्यूटर आपरेटर, वाहन चालक, वार्ड अटेंडेंट आदि को आउटसोर्स पर रखे जाने की व्यवस्था की थी। जिसके तहत कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर में दून मेडिकल कालेज में भी उपनल के माध्यम से 462 उपनल कर्मियों की नियुक्ति की गई थी।

जिन्हें अलग-अलग समय पर आवश्यकतानुसार सेवा विस्तार भी दिया गया। पर अब कोरोना संक्रमण का प्रसार कम होने पर इन्हें नौकरी से हटाया जा रहा है। उपनल को भेजे पत्र में कहा गया है कि इन कर्मचारियों की सेवा 31 मार्च तक विस्तारित की गई थी, लेकिन सेवा विस्तारित न करने का अभी तक कोई स्पष्ट आदेश अभी नहीं मिला है। ऐसे में इन्हें सेवा में रख पाना संभव नहीं है। जब भी अस्पताल को कर्मचारियों की जरूरत होगी, तो इन्हीं कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी पर रखा जाएगा। कालेज प्रशासन के इस कदम से कर्मचारियों में हड़कंप है। उनका कहना है कि कोरोनाकाल में  विकट परिस्थितियों में उन्होंने सरकार और प्रबंधन का साथ दिया है। इस दौरान उन्होंने जान जोखिम में डालकर काम किया। अब उन्हें एकदम से हटाया जा रहा है। जिससे उनके साथ-साथ उनके परिवार पर भी आर्थिक संकट आ जाएगा। इधर, प्राचार्य का कहना है कि शासन से इनकी सेवा विस्तार के कोई निर्देश नहीं मिले हैं। कोरोना के मामले अब न के बराबर हैं और अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत भी नहीं है। जब जरूरत होगी तो उपनल को डिमांड भेज दी जाएगी। इन्हीं कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर रखा जाएगा।

 

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