उत्तराखंड में अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित नगर निकायों के चुनाव आगे खिसकाने की चर्चा पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रोक लगायी है। उनका कहना है कि सरकार व शासन के स्तर पर न तो ऐसी कोई चर्चा हुई और न कोई निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव की तैयारियां चल रही हैं और इसके लिए सरकार के पास समय भी पर्याप्त है।
प्रदेश में निकाय चुनाव पिछली बार अक्टूबर 2018 में हुए थे, तब 90 निकाय थे। वर्तमान में राज्य में नगर निकायों की संख्या 102 है। इनमें से बदरीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते, जबकि रुड़की व बाजपुर के चुनाव बाद में होने के कारण इनका कार्यकाल अगले वर्ष पूरा होना है।
इस सबको देखते हुए 97 नगर निकायों के चुनाव के लिए कसरत चल रही है। वार्ड परिसीमन समेत दूसरे कार्य लगभग अंतिम चरण में है, जबकि ओबीसी सर्वे भी पूर्ण होने को है। इसके साथ ही कुछेक नगर निकायों के सीमा विस्तार के भी प्रस्ताव है, जिन्हें लेकर कसरत चल रही है।
छह नए निकाय गठित हो सकते हैं
विभिन्न जिलों से सरकार को छह नगर निकायों के प्रस्ताव भी मिले हैं। इन पर मंथन चल रहा है और संभव है कि कैबिनेट की आगामी बैठक में इनके बारे में निर्णय लिया जा सकता है। यदि कैबिनेट से हरी झंडी मिल भी गई तो इनके परिसीमन से लेकर अन्य प्रक्रिया में समय लगेगा। ऐसे में इनके चुनाव बाद में कराए जा सकते हैं।