चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है और ऋषिकेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसी के साथ गंगा घाटों पर अंतरराज्यीय चोर गिरोह भी सक्रिय हो गए हैं। ऐसे ही एक गिरोह के 11 सदस्यों को पुलिस ने दबोच लिया। उनके पास से 17 मोबाइल फोन और एक लाख रुपये से अधिक नकदी बरामद हुई है। गिरोह के सभी सदस्य उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं। ये सभी तीर्थयात्री बनकर गंगा घाटों और अन्य स्थानों पर घूमते थे और मौका पाकर यात्रियों का सामान उड़ा लेते थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में गिरोह से जुड़ी जानकारी साझा की। एसएसपी ने बताया कि कोतवाली ऋषिकेश में बीते सोमवार को पंकज गुप्ता निवासी हीरालाल मार्ग, ऋषिकेश ने तहरीर दी थी। जिसमें कहा कि वह सुबह करीब साढ़े आठ बजे त्रिवेणी घाट पर गंगा स्नान कर रहे थे, उन्होंने अपने कपड़े घाट के किनारे रखे थे। गंगा में स्नान कर वे बाहर आए तो देखा कि कपड़े चोरी हो गए हैं।
उनकी जेब में कुल 50 हजार रुपये, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और एक मोबाइल फोन था। पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर चोर की तलाश शुरू की। गंगा घाट पर हुई चोरी और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश ने सादे वस्त्रों में अलग-अलग पुलिस टीम तैनात कीं।
मंगलवार को मुखबिर तंत्र ने पुलिस टीम को सूचना दी कि गंगा घाटों पर सामान चोरी करने वाले गिरोह के करीब 10-11 सदस्य त्रिवेणी घाट के आसपास घूम रहे हैं। इस पर पुलिस टीमों ने नाव घाट के पास से गिरोह के 11 सदस्यों को दबोच लिया।
गिरोह के गिरफ्तार सदस्य
राजीव कुमार, गगन कुमार, गुरदास निवासी मोतीगंज जिला गोंडा उत्तर प्रदेश, रमेश कुमार निवासी ग्राम पठानपुरा जिला गोंडा, श्रीराम, बद्री लाल, गुड्डू निवासी ग्राम मधेपुर खरहरी, गोंडा, विमल कुमार, सुरविंद निवासी ग्राम दुल्हापुर धानेपुर जिला गोंडा, सूरज कुमार निवासी ग्राम मोराडिया थाना धानेपुर जिला गोंडा, घनश्याम निवासी ग्राम बनकसिया थाना मोतीगंज जिला गोंडा।
खुद तीर्थयात्री बनकर घूमते थे घाटों पर
आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे गोंडा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने आपस में मिलकर यह गिरोह बनाया है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने पर हरिद्वार और ऋषिकेश में यात्रियों का सामान चोरी करने आते हैं। गिरोह के सदस्य तीर्थयात्री बनकर गंगा घाट और बस स्टेशन के आसपास घूमते हैं। किसी व्यक्ति को निशाना बनाकर चोरी की योजना बनाते हैं।
गंगा किनारे घाटों पर पर्यटकों को देखते रहते हैं, जैसे ही कोई पर्यटक अपना मोबाइल फोन, रुपये, घड़ी, बैग, कपड़े आदि सामान घाटों के किनारों पर रखकर स्नान के लिए जाता, वे मौका देखकर सामान को चोरी कर लेते हैं। इसके साथ ही कई बार उनमें से कुछ सदस्य पर्यटकों को बातों में उलझा लेते और दूसरे सदस्य चुपचाप चोरी कर निकल जाते हैं।