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लकच्छीवाला में 15 बंदरों की मौत से इलाके में फैली सनसनी, मुंह-कान से निकल रहा था खून

मणीमाई मंदिर के समीप जंगल में 15 बंदरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जबकि, एक बंदर सड़क किनारे तड़पता मिला। बंदरों के नाक और मुंह से खून निकल रहा था। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए हैं और एक बंदर को नाजुक स्थिति में उपचार के लिए देहरादून चिड़ियाघर भेजा गया है। बंदरों को जहर देकर मारने की आशंका जताते हुए वन विभाग ने डोईवाला थाने में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।

 

गुरुवार दोपहर देहरादून रोड स्थित मणिमाई मंदिर में भंडारा चल रहा था। तभी कुछ लोगों ने जंगल में मरे हुए बंदरों को देखा। जिसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई। सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग व पुलिस की टीम ने इन बंदरों के शव को कब्जे में लेकर रेंज कार्यालय पहुंचाया।

 

बंदरों को कहीं और मारकर यहां फेंका गया?

लच्छीवाला वन रेंज के दरोगा चंडी प्रसाद उनियाल ने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि बंदरों को कहीं और मारकर यहां फेंका गया है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं मरे हुए बंदरों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उसके बाद मौत किस कारण हुई इसका पता चला पाएगा। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है। उनके निर्देश के बाद अज्ञात के विरुद्ध इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

 

दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग

वहीं भाजपा नेता विशाल क्षेत्री, संदीप सिंह सन्नी, सौरभ पाल, आदर्श, गोपाल, विजय, करण कन्नौजिया आदि ने बंदरों की मौत के दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। हर्रावाला पुलिस चौकी प्रभारी कमलेश गौड ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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