onwin giriş
Home उत्तराखंड

‘द रिंक’ में लगी आग ने खोले मसूरी में प्रशासन के राज! शहर में महज 14 वाटर हाइड्रेंट, चार खराब; सुरक्षा पर सवाल

किसी शहर के लिए वाटर हाइड्रेंट के क्या मायने हैं, यह रविवार को मसूरी में ‘साइडस रिंक- ए हेरिटेज होटल’ (‘द रिंक’) में लगी आग ने बता दिया। दमकल जब आग बुझाने के लिए मशक्कत कर रही थी, तब एक वाटर हाइड्रेंट ने इसे विकराल होने से रोका।

 

मसूरी में सिर्फ 14 हाइड्रेंट

दमकल वाहनों ने इसी वाटर हाइड्रेंट से पानी लेकर आग पर काबू पाया लेकिन, सरकारी तंत्र शहर में वाटर हाइड्रेंट को लेकर इस कदर उदासीन है कि पूरे मसूरी में सिर्फ 14 हाइड्रेंट हैं। इनमें भी 10 ही चालू स्थिति में हैं, बाकी के चार खराब पड़े हैं।

 

बिछाई गई पानी की लाइन में भी नहीं छोड़े गए वाटर हाइड्रेंट

जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत ने बताया कि हाल ही में यमुना पेयजल योजना के अंतर्गत मालरोड पर पेयजल निगम की ओर से बिछाई गई पानी की लाइन में भी वाटर हाइड्रेंट नहीं छोड़े गए।

 

शहर में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

मसूरी की ऐतिहासिक धरोहर ‘साइडस रिंक- ए हेरिटेज होटल’ में हुए अग्निकांड के बाद शहर में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हर वर्ष 25 लाख से अधिक पर्यटक इस प्रसिद्ध हिल स्टेशन में आते हैं। जिनके ठहरने के लिए 350 से अधिक होटल, लाज और गेस्ट हाउस हैं। जो अधिकांश समय पैक रहते हैं, विशेष तौर पर नए वर्ष और गर्मी के मौसम में। लेकिन, अधिकांश होटल-गेस्ट हाउस में अग्नि सुरक्षा के मानकों का सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा।

 

दमकल के वाहनों को रिंक तक पहुंचने में लगा काफी समय

ज्यादातर होटल गांधी चौक से करीब डेढ़ किमी की दूरी पर स्थित कुलड़ी और आसपास क्षेत्र में हैं, जो घना और संकरा है। कई गलियां तो ऐसी हैं कि दमकल के चार पहिया वाहन घुस भी नहीं सकते। उस पर होटलों के आसपास चौबीसों घंटे वाहन खड़े रहते हैं। इस कारण मदद भी समय पर नहीं पहुंच सकती। रविवार को इसी वजह से दमकल के वाहनों को द रिंक तक पहुंचने में काफी समय लग गया।

 

मसूरी के उप जिलाधिकारी नंदन कुमार के अनुसार, वाटर हाइड्रेंट ठीक रखने के लिए जल संस्थान को निर्देशित किया गया है। होटलों में अग्निशमन सुरक्षा की जल्द समीक्षा की जाएगी। किसी को भी मानकों से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

 

होटल मालिक आएंगे, तब पता चलेगा नुकसान

उप जिलाधिकारी नंदन कुमार का कहना है कि होटल में आग लगने का प्रारंभिक कारण बिजली का शार्ट सर्किट सामने आया है। दुर्घटना में कितना नुकसान हुआ, यह संपत्ति के मालिक ही बता सकते हैं। जोकि अभी बेल्जियम में हैं। उनके मसूरी आने पर नुकसान का सही आकलन हो पाएगा। उनके एक या दो दिन में भारत पहुंचने की उम्मीद है।

 

2022 में कराया एनओसी का नवीनीकरण

 

अग्निशमन अधिकारी धीरज सिंह तड़ियाल ने बताया कि विभाग की ओर से अग्नि सुरक्षा की एनओसी तीन वर्ष के लिए जारी की जाती है। ‘द पवेलियन रिंक’ (होटल का पुराना नाम) की एनओसी का फरवरी 2022 में नवीनीकरण करवाया गया था।

 

 

Similar Posts

© 2015 News Way· All Rights Reserved.