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बनभूलपुरा दंगे के दौरान हुई प्रकाश की मौत के रहस्य से पुलिस ने पर्दा हटाया

बनभूलपुरा दंगे के दौरान हुई प्रकाश की मौत के रहस्य से पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। उसकी जान दंगे में नहीं अपितु अवैध संबंधों के चलते उसे मौत के घाट उतारा गया था। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

उक्त घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि 9 फरवरी को इन्द्रानगर रेलवे फाटक के समीप आंवला गेट गौला बाइपास मार्ग में 25 वर्षीय प्रकाश कुमार सिंह उर्फ अविराज पुत्र  श्याम देव सिंह निवासी छिने गाँव भोजपुर सिन्हा, बिहार का शव पड़ा हुआ मिला।

इस पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उस दौरान प्रकाश की मौत दंगे में होना माना जा रहा था। जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पाया गया कि 9 फरवरी की रात उसकी हत्या की गई है। मामले की जाँच के दौरान विवेचक द्वारा मृतक प्रकाश कुमार सिंह के मोबाईल आदि की जाँच की गयी एंव एसओजी व सर्विलांस की मदद ली गयी तो यह संज्ञान में आया कि उक्त मृतक युवक का सम्पर्क सितारगंज के किसी युवक से था।

उत्तराखण्ड के अन्य नम्बर से भी वह वार्ता कर रहा था, जो  8 फरवरी को हल्द्वानी पहुँचा। उक्त सम्पर्क में आये व्यक्तियों की जानकारी कर उनसे पूछताछ की गयी तो पता चला कि सूरज मृतक का लगभग दो ढाई साल से दोस्त था एंव मृतक प्रकाश कुमार सूरज के घर आता जाता रहता था। इसी दौरान प्रकाश कुमार सिंह के अवैध सम्बन्ध सूरज की बहन व आरक्षी की पत्नी प्रियंका के साथ बन गये।

मृतक प्रकाश कुमार आरक्षी की पत्नी के साथ अवैध शारीरिक सम्बन्ध की वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर पैसे की मांग करने लगा। प्रियंका ने यह बात अपने पति बीरेन्द्र से छुपा कर रखी लेकिन दिनाँक 07.02.24 को मृतक द्वारा उसके पति बीरेन्द्र को फोन किया गया। जिसके बाद प्रियंका द्वारा पूरी बात अपने पति को बतायी गयी, तब बीरेन्द्र द्वारा अपनी पत्नी प्रियंका एवं अपने साथी नईम खान उर्फ बबलू के साथ मिलकर प्रकाश कुमार सिंह की हत्या करने की साजिश रची।

मृतक  को आरक्षी बीरेन्द्र ने अपनी पत्नी के माध्यम से हल्द्वानी बुलवाया। बीरेन्द्र ने प्रकाश कुमार से अपने मोबाईल से प्रियंका की वीडियो हटाने को कहा। लेकिन प्रकाश कुमार द्वारा मना करने पर आरक्षी बीरेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 फरवरी की शाम को प्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी।  पुलिस ने अभियुक्त बीरेन्द्र व उसके साथियो के द्वारा पूछताछ जुर्म इकबाल के आधार पर धारा 302 भादवि में गिरफ्तार करते हुए अभियुक्त बीरेन्द्र की निशादेही पर हत्या में प्रयुक्त पिस्टल मय जिन्दा 04 कारतूस बरामदगी की गयी।

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