अमेरिका और वेनेजुएला के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच अब रूस खुलकर मैदान में उतर आया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को फोन कर हर तरह के समर्थन का आश्वासन दिया है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और वेनेजुएला के बीच हालात चरम पर पहुँच चुके हैं।
कुछ दिन पहले अमेरिकी नौसेना ने कैरेबियन सागर में वेनेजुएला के एक तेल टैंकर पर कमांडो कार्रवाई कर उसे जब्त कर लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया। वहीं मादुरो ने इसे संप्रभुता का उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुद्री डकैती करार देते हुए कड़ी निंदा की।
इसके बाद दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव कई गुना बढ़ गया है।
क्रेमलिन के अनुसार, गुरुवार को पुतिन ने मादुरो से फोन पर बातचीत की और वेनेजुएला की संप्रभुता व राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों का समर्थन किया।
बयान में कहा गया—
“रूस वेनेजुएला के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और बाहरी दबाव के खिलाफ मादुरो सरकार का समर्थन जारी रखेगा।”
यह कॉल उसी दिन आया जब अमेरिकी सेना ने वेनेजुएला का तेल टैंकर कब्जे में लिया।
अमेरिका ने मादुरो पर नार्को-टेररिज़्म यानी नशे के कारोबार से जुड़े आतंकवाद का गंभीर आरोप लगाया है।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा कि टैंकर जब्ती, ट्रंप प्रशासन की ड्रग्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
अमेरिका ने क्षेत्रों में अपनी सैन्य उपस्थिति भी बढ़ाई है और हाल के महीनों में कई संदिग्ध नावों पर हमले किए हैं।
मादुरो का आरोप है कि असल उद्देश्य उन्हें सत्ता से हटाना है।
वेनेजुएला सरकार के बयान के अनुसार, पुतिन ने मादुरो को “निरपेक्ष समर्थन” का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि—
मॉस्को और काराकास के बीच प्रत्यक्ष संचार हमेशा खुला रहेगा
संप्रभुता और लैटिन अमेरिका में शांति की रक्षा के प्रयासों में वेनेजुएला अकेला नहीं है
ह्यूगो चावेज़ के शासनकाल से ही रूस–वेनेजुएला के बीच गहरे संबंध रहे हैं, और रूस कोविड-19 वैक्सीन से लेकर क्रिप्टोकरेंसी डिजाइन तक वेनेजुएला की कई क्षेत्रों में मदद करता रहा है।
रूस इससे पहले भी कई बार वेनेजुएला समर्थन का मजबूत संदेश दे चुका है—
- 2018 में रूस ने वेनेजुएला की राजधानी के पास दो न्यूक्लियर-सक्षम Tu-160 बॉम्बर्स तैनात किए थे।
- पिछले वर्ष रूसी नौसेना के दो जहाज़ अटलांटिक में अभ्यास के बाद ला ग्वाइरा बंदरगाह पर रुके थे।
- बेलारूस में भी पुतिन के सहयोगी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वेनेजुएला के राजदूत से हाल ही में दो बार मुलाकात की है।
हालाँकि बातचीत का पूरा विवरण सामने नहीं आया, लेकिन संकेत हैं कि वेनेजुएला और उसके सहयोगियों के बीच कुछ बड़े फैसलों पर चर्चा चल रही है।
अमेरिका के लगातार बढ़ते दबाव और रूस के प्रत्यक्ष समर्थन ने कैरेबियन क्षेत्र में नई भू-राजनीतिक टकराव की स्थिति पैदा कर दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि तनाव ऐसे ही बढ़ता रहा, तो यह विवाद वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी असर डाल सकता है।

