अंतरिक्ष अनुसंधान | अक्टूबर 2025
वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक असाधारण तारे को देखा है, जो लगभग 3 अरब साल तक सोया हुआ था, लेकिन अब अचानक सक्रिय होकर अपने चारों ओर मौजूद अवशेषों को निगलने लगा है। इस तारे का नाम है LSPM J0207+3331, जिसे वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाले व्यवहार के कारण ‘Zombie Star’ या राक्षस तारा का नाम दिया है।
LSPM J0207+3331 कभी हमारे सूर्य की तरह चमकता था, लेकिन 3 अरब साल पहले इसका ईंधन खत्म हो गया और यह सफेद बौना तारा बन गया। सामान्य सफेद बौना तारे धीरे-धीरे ठंडा होते हैं और निष्क्रिय रहते हैं, लेकिन यह तारा असामान्य रूप से सक्रिय है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह तारा अब उस अवशेष को निगल रहा है जो कभी एक चट्टानी ग्रह था।
स्पेक्ट्रोस्कोपिक डेटा से पता चला कि तारे के वातावरण में 13 भारी तत्व हैं, जैसे मैग्नीशियम, आयरन, सिलिकॉन और कोबाल्ट। ये वही तत्व हैं जो पृथ्वी जैसे ग्रहों में पाए जाते हैं, जिससे पता चलता है कि तारा हाल ही में किसी ग्रह को निगल चुका है।
ट्रॉटियर इंस्टीट्यूट के पैट्रिक डुफोर के अनुसार, यह घटना इतने पुराने सफेद बौने में असामान्य है। उन्होंने बताया कि निगला जाने वाला पिंड लगभग 120 मील चौड़ा था, जो टूटकर तारे के चारों ओर मलबे की तरह घूम रहा है और धीरे-धीरे तारे में समा रहा है।
NASA के WISE (Wide-Field Infrared Survey Explorer) ने इस तारे को सबसे पहले खोजा। मिड-इन्फ्रारेड लाइट के माध्यम से इसके चारों ओर मलबे की डिस्क देखी गई। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शायद कोई गैसीय ग्रह अभी भी इस सिस्टम में मौजूद है, जो छोटे पिंडों की कक्षाओं में गड़बड़ी पैदा कर रहा है और उन्हें तारे की ओर धकेल रहा है।
ESA के Gaia मिशन की मदद से भी इस तारे की हल्की गतिविधियों को दर्ज किया जा सकता है। दिसंबर 2026 में आने वाला डेटा इस रहस्य पर से पर्दा उठा सकता है कि आखिर यह ‘सोया हुआ राक्षस तारा’ कैसे फिर से जगा।
LSPM J0207+3331 की गतिविधि न केवल सफेद बौने तारों के व्यवहार के बारे में हमारी समझ को चुनौती देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ग्रह प्रणालियां तारे के मरने के बाद भी अस्थिर रह सकती हैं। वैज्ञानिक इसे “भविष्य के खगोलशास्त्र के लिए एक रोमांचक खोज” मान रहे हैं।


 
			