नई दिल्ली, 13 नवंबर 2025 —
देश की खुफिया एजेंसियों और उत्तर प्रदेश एटीएस (Anti-Terrorism Squad) ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी नेटवर्क से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि संगठन की टॉप महिला कमांडर डॉ. शाहीन, जिसे आतंकी संगठन के भीतर ‘मैडम सर्जन’ के नाम से जाना जाता था, भारत में ‘ऑपरेशन हमदर्द’ चला रही थी। इस ऑपरेशन के तहत वह लड़कियों का ब्रेनवॉश कर उन्हें संगठन में भर्ती करने का काम करती थी।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, डॉ. शाहीन ने युवतियों से संपर्क साधने के लिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैट ग्रुप्स का इस्तेमाल किया। वह खुद को समाजसेवी या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताकर बातचीत शुरू करती थी और धीरे-धीरे लड़कियों को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ देती थी।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शाहीन ने लड़कियों को विभिन्न श्रेणियों में बाँट रखा था — कोई तकनीकी सहायता के लिए, कोई फंडिंग के लिए और कुछ को सक्रिय सदस्य के रूप में ट्रेनिंग देने के लिए तैयार किया जा रहा था।
जांच में सामने आया है कि शाहीन के पास एक विशेष ग्रुप था, जिसे वह ‘टीम D’ कहती थी। यह टीम संगठन के लिए ऑनलाइन प्रचार, फंडिंग जुटाने और नए सदस्यों की भर्ती का काम देखती थी।
यूपी एटीएस ने इस टीम की कई गतिविधियों को ट्रैक करते हुए बैंक खातों और फंडिंग स्रोतों की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में कुछ संदिग्ध विदेशी ट्रांजैक्शनों के भी सबूत मिले हैं।
एजेंसियां अब इस नेटवर्क से जुड़े डिजिटल सबूतों, बैंकिंग रिकॉर्ड्स और संभावित विदेशी कनेक्शनों की जांच कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन लंबे समय से पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में थी।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारत में महिला कट्टरपंथ के बढ़ते डिजिटल नेटवर्क की ओर इशारा करता है। सोशल मीडिया के जरिए भावनात्मक शोषण और विचारधारात्मक ब्रेनवॉश जैसी रणनीतियाँ अब आतंकी संगठनों का नया हथियार बनती जा रही हैं।

