नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज गुरुवार से दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं। चार साल बाद हो रही पुतिन की यह यात्रा न सिर्फ दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्तों को नई दिशा देगी, बल्कि कई बड़ी रक्षा एवं व्यापारिक डीलों का रास्ता भी खोल सकती है। इस हाई-प्रोफाइल विजिट पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं पालम एयरपोर्ट पहुंचकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत करेंगे। इसे पुतिन के प्रति भारत की विशेष प्राथमिकता और इस यात्रा के महत्व से जोड़कर देखा जा रहा है। पुतिन का विमान आज दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड होने की उम्मीद है।
दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी पुतिन के सम्मान में एक प्राइवेट डिनर होस्ट करेंगे। इसके बाद शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच 23वां भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई देने पर फोकस रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक, भारत–रूस के बीच SU-57 स्टील्थ फाइटर जेट की डील लगभग तय मानी जा रही है। इसके साथ ही S-400 और S-500 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी महत्वपूर्ण समझौतों की संभावना है। इन डीलों से भारत की सामरिक क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।
वर्तमान में भारत रूस को लगभग 5 अरब डॉलर का वार्षिक निर्यात करता है। माना जा रहा है कि पुतिन की यात्रा के बाद रूस भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन सकता है। स्मार्टफोन, वस्त्र, मेडिसिन, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा क्षेत्र में व्यापार को बड़े स्तर पर बढ़ाने की चर्चा चल रही है।
पीएम मोदी और पुतिन की वार्ता में ब्रह्मोस मिसाइल के नेक्स्ट जेनरेशन वर्ज़न पर डील होने की मजबूत संभावना जताई जा रही है।
नई ब्रह्मोस की प्रमुख खूबियाँ:
- 1000–1500 किमी तक मारक क्षमता
- 4000 किमी/घंटा से अधिक गति
- आकार छोटा, जिससे एक फाइटर जेट में 6–7 मिसाइलें तक फिट हो सकेंगी
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अपग्रेड भारत की अटैक और डिटरेंस क्षमता को अभूतपूर्व मजबूती देगा।
पुतिन की यह यात्रा ऊर्जा, टेक्नोलॉजी, एटॉमिक एनर्जी, मरीन कॉमर्स और डिफेंस जैसे क्षेत्रों में भारत–रूस सहयोग को नई दिशा दे सकती है। चार साल के अंतराल के बाद हो रही यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों में नए रणनीतिक अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।

