वॉशिंगटन, 29 अक्टूबर 2025:
अमेरिका ने सोमवार को वह कारनामा कर दिखाया, जिसका दुनिया को दशकों से इंतज़ार था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और विमान निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) ने मिलकर विकसित किए गए X-59 सुपरसोनिक विमान ने सफलतापूर्वक अपनी पहली उड़ान भर ली। यह वही विमान है जो ध्वनि की गति से तेज उड़ान भरते हुए भी ‘शांत’ रहता है।
नासा के मुख्य परीक्षण पायलट नील्स लार्सन ने सुबह 8:14 बजे कैलिफ़ोर्निया के पामडेल (Palmdale) स्थित लॉकहीड मार्टिन के “स्कंक वर्क्स” केंद्र से उड़ान भरी। लगभग 30 मिनट की यह परीक्षण उड़ान पूरी तरह सफल रही। विमान को बाद में सुरक्षित रूप से एडवर्ड्स एयर बेस (NASA Armstrong Flight Research Center) पर उतारा गया।
उड़ान के दौरान सभी प्रणालियाँ सामान्य रहीं। यह उड़ान सबसोनिक गति (ध्वनि की गति से कम) पर सीमित थी और इसका उद्देश्य केवल उड़ान योग्यता की जांच करना था।
पारंपरिक सुपरसोनिक विमानों (जैसे कंसॉर्ड) की सबसे बड़ी समस्या उनका तेज धमाका — Sonic Boom था, जो जमीन पर 110 से 140 डेसिबल तक का शोर पैदा करता था।
लेकिन X-59 की खास डिज़ाइन और लंबी फ्यूजलेज ज्योमेट्री हवा के दबाव को इस तरह नियंत्रित करती है कि जब विमान ध्वनि की गति पार करता है, तो नीचे केवल 60–80 डेसिबल का हल्का “थंप” सुनाई देता है — जैसे किसी कार का दरवाज़ा बंद हो।
⚙️ तकनीकी खूबियाँ
- गति: मच 1.4 (लगभग 1508 किमी/घंटा या 937 मील/घंटा)
- लंबाई: 99 फीट
- पंखों का फैलाव: 29 फीट
- इंजन: GE F414 टर्बोफैन (F/A-18 सुपर हॉर्नेट जैसा)
- सीटें: एक (Single-seater)
- प्रोजेक्ट लागत: लगभग 500 मिलियन डॉलर
1970 के दशक से अमेरिका में भूमि के ऊपर सुपरसोनिक उड़ानों पर प्रतिबंध है। नासा का उद्देश्य इस तकनीक के माध्यम से उस प्रतिबंध को खत्म करना है।
भविष्य में X-59 को विशेष हवाई गलियारों में उड़ाया जाएगा और विभिन्न समुदायों से शोर के स्तर पर फीडबैक लिया जाएगा।
इन आंकड़ों के आधार पर FAA (Federal Aviation Administration) नियमों में संशोधन कर सकती है, जिससे आने वाले वर्षों में वाणिज्यिक सुपरसोनिक यात्रा फिर से संभव हो सकेगी।
अमेरिकी परिवहन सचिव पीट बुट्टिगिएग ने कहा,
“X-59 परियोजना न केवल अमेरिका के विमानन नेतृत्व को सशक्त बनाएगी, बल्कि यह हवाई यात्रा के भविष्य को भी शांत और तेज बनाएगी।”
अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो 2027-2028 तक इस विमान की सुपरसोनिक परीक्षण उड़ानें शुरू हो जाएँगी।
यह उपलब्धि नासा के लिए पचास साल पुराने सपने — ‘शांत सुपरसोनिक उड़ान’ — को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

