लोकसभा चुनाव के लिए राज्य के आधे यानी 5892 पोलिंग स्टेशन को मिलेगी वेबकास्टिंग की व्यवस्था से जोड़ा जाएगा। जिला स्तर पर वेबकास्टिंग का एक कंट्रोल रूम बनाया जायेगा।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शातिंपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए अनेक व्यवस्थाएं की जाती है। मतदेय स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती करना, ऑब्जर्वर की तैनाती करना बूथ लेवल पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती करना, पोलिंग पार्टियों का रेंडमाईजेशन करना और सेक्टर ऑफिसर की तैनाती करना एवं अन्य व्यवस्थाएं इसमें शामिल हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये गये थे कि राज्यों में 50 प्रतिशत पोलिंग स्टेशन में वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाए।
उत्तराखण्ड में 11729 पोलिंग स्टेशन में से 5892 पोलिंग स्टेशन को वेबकास्टिंग में लिया जायेगा। मतदान के दिन जो भी घटनाक्रम मतदान केन्द्र में हो रहा है, उसकी जानकारी एआरओ के पास लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से पहुंच जायेगी। पोलिंग बूथों पर किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर पीठासीन अधिकारी और पोलिंग एजेंट सीधे अपने एआरओ से बात कर सकते हैं और कोई भी शिकायत अपने जिला स्तरीय निर्वाचन अधिकारी से कर सकते हैं।
जिला स्तर पर वेबकास्टिंग के लिए टीमें तैयार कर ली गई हैं। उनका प्रथम प्रशिक्षण भी हो चुका है। जनपद स्तर पर वेबकास्टिंग का एक कंट्रोल रूम बनाया जायेगा। राज्य स्तर पर भी एक कंट्रोल रूम तैयार किया जायेगा जिसके माध्यम से राज्य की 5 लोकसभा सीट पर होने वाली वेबकास्टिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था होगी।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी 11729 पोलिंग स्टेशन पर तैनात होने वाले मतदान कार्मिकों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा विभाग से समन्वय कर बेहतर प्रयास किये गये हैं। इसके लिए कैशलेस ट्रीटमेंट का निर्णय किया गया है। राज्य में निर्वाचन से जुड़े राज्य के सभी कर्मचारियों और अन्य राज्यों के कर्मचारियों को भी यह सुविधा दी जायेगी।
इस व्यवस्था के अन्तर्गत सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों को लिया गया है। पोलिंग पार्टियों को किस सुविधा केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र से सम्पर्क करना है इसके लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान बनाया गया है। राज्य के सभी जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों की जानकारी सभी पोलिंग पार्टियों तक उपलब्ध रहेगी। आपतकालीन स्थिति में किस पुलिस स्टेशन और फायर कार्यालय से संपर्क करना है एवं निकटतम एम्बुलेंस और हेलीपैड की जानकारी भी पोलिंग पार्टियों को दी जायेगी।