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हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य व सीएम धामी ने लंबित सड़क निर्माण पर किया मंथन

 देहरादून। हिलाचल और उत्तराखंड सीमा में पांवटा साहिब में यमुना नदी पर कमजोर हो रहे 550 मीटर लम्बे टू लेन पुल की मरम्मत की जाएगी। वाहनों की आवाजाही की वजह से पुल पर कम्पन हो रहा है। नतीजतन, दो महीने पुल पर वाहन नहीं आ जा सकेंगे। दोनों राज्य वैकल्पिक मार्ग से आवागमन जारी रखेंगे।

मुख्यमंत्री धामी और हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री के बीच सड़क सम्पर्क बेहतर करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड को जोड़ने वाले पांवटा साहिब में यमुना नदी पर 550 मीटर लम्बे टू लेन पुल पर वाहनों की आवाजाही के कारण भारी कम्पन दिखाई देती है। आई.आई.टी. रूडकी की जांच और संस्तुति के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी इसके मरम्मत की मंजूरी दे दी गयी है। इसके लिये कम से कम 2 माह पुल पर यातायात को बन्द करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुल की मरम्मत से पहले जिलाधिकारी देहरादून और जिलाधिकारी सिरमौर द्वारा डायवर्जन प्लान बनाया जायेगा।

हिमाचल प्रदेश के काबिना मंत्री ने कहा कि यातायात की सुगमता के लिये पुल के पास बनाये गये वन, खनन, आबकारी एवं आर.टी.ओ. के अवरोधों तथा लोडेड वाहनों की पार्किंग को पुल से 1 किमी. दूर स्थानान्तरित किये जाने की आवश्यकता होगी, इस पर मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

उन्होंने हिमाचल को उत्तराखण्ड से जोड़ने के प्रयासों पर बल देते हुए उत्तराखण्ड द्वारा यमुना नदी पर बनाये गये भीमावाला-नावघाट 540 मीटर लम्बे पुल को जोडने वाले 820 मीटर लम्बे सम्पर्क मार्ग के निर्माण पर भी चर्चा की।उन्होंने कहा कि हिमाचल से उत्तराखण्ड को जोडने वाले धौला से सेवाडोगरी तक 10 किमी सड़क निर्माण कार्य होने से डोडराक्वार क्षेत्र 12 महीने आवागमन सुचारू हो जायेगा और दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी भी बन जायेगी।

मुख्यमंत्री ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुखू से भी फोन पर वार्ता कर दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी को और अधिक विस्तार देने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल की भौगोलिक स्थिति लगभग एक जैसी है। हाल ही में सम्पन्न हुई नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के समग्र विकास के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का भी अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों की सीमा पर स्थानीय काश्तकारों को टोल टैक्स में छूट प्रदान करने का सुझाव भी दिया।इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की पूर्व लोकसभा सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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