Dehradun GIS Master Plan: दून क्षेत्र भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील जोन चार व पांच में आता है। यहां हिमालय की उत्पत्ति के समय अस्तित्व में ऐतिहासिक फाल्ट (भ्रंश) मेन बंउंड्री थ्रस्ट (एमबीटी) व हिमालयन फ्रंटल ट्रस्ट (एचएफटी) गुजर रहे हैं। इसके साथ ही दून में छोटे-बड़े 29 फाल्ट/थ्रस्ट भी सक्रिय हैं। इसका मतलब यह है कि समूचे क्षेत्र में कभी भी बड़े भूकंप आ सकते हैं।
इसके बाद भी दून में मनमर्जी के निर्माण हावी हैं। हालांकि, दून के अनियोजित निर्माण की स्थिति को देखते हुए वर्ष 2041 तक के जीआइएस आधारित डिजिटल मास्टर प्लान में फाल्ट लाइनों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया है।
50 मीटर के दायरे में निर्माण को प्रबंधित करने की संस्तुति
लिहाजा, फाल्ट लाइन के सेंटर से दोनों तरफ 50 मीटर के दायरे में निर्माण को प्रबंधित करने की संस्तुति की गई है। भूकंपीय फाल्ट लाइन के हिसाब से भी जोनिंग करने वाला संभवतः यह यह देश का पहला मास्टर प्लान भी होगा।
मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक एमएम श्रीवास्तव के मुताबिक दून में ऐतिहासिक फाल्ट के अलावा 29 अन्य फाल्ट लाइनें भी हैं। इनके दायरे में दून के करीब 25 क्षेत्र आ रहे हैं। या तो फाल्ट लाइन इन क्षेत्रों को क्रास कर रही है या इनके करीब से गुजर रही है।
फाल्ट लाइनों के 50 मीटर के दायरे में निर्माण पर रोक लगाने की संस्तुति के साथ 100 मीटर तक बफर जोन भी तय किया गया है। बफर जोन में निर्माण की अनुमति रहेगी, लेकिन यहां लो राइज निर्माण ही किए जा सकेंगे।
वाडिया का अध्ययन आया काम
वर्ष 2017 में वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा आरजे पेरुमल ने ‘एक्टिव टेक्टोनिक्स आफ कुमाऊं एंड गढ़वाल हिमालय’ नाम से तमाम फाल्ट लाइन पर अध्य्यन किया था।
इसी अध्य्यन में स्पष्ट किया गया है कि दून के तमाम क्षेत्रों से 29 छोटे-बड़े फाल्ट गुजर रहे हैं। फाल्ट लाइन की मैपिंग को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने वाडिया संस्थान से प्राप्त कर मास्टर प्लान में सटीक कोर्डिनेट्स के साथ प्लाट किया है।
इन क्षेत्रों से गुजर रही फाल्ट लाइन
भैंसवाड़ गांव, सरखेत, तिमली मां सिंह, नाथुआवाला, काला गांव, दुगल गांव, राजपुर, चालंग, तरला नागल, डांडा धोरण, चकतुनवाला, भंडार गांव, सिडकुल आइटी पार्क क्षेत्र, आमवाला उपरला, आमवाला करनपुर, मोहकमपुर खुर्द, हटवाल गांव, पुरकुल, सलान गांव, धर्मपुर (रिस्पना नदी वाला क्षेत्र), केदारपुर, गुजराड़ा मानसिंह, अंबीवाला।
15 हजार से पांच लाख साल पुराने हैं फाल्ट
दून के विभिन्न हिस्सों से जो 29 फाल्ट गुजर रहे हैं, उनके अस्तित्व में आने की अवधि आज से 15 हजार साल पहले से लेकर पांच लाख वर्ष है।
ये फाल्ट हैं सक्रिय
डूंगाखेत (चार), बरवा, कोटड़ा, बिरसनी, दुधई (दो), डूंगा, बिधौली, बडीवाला, राजौली (पांच), कुम्हार मट्टी (तीन), तिलवाड़ी (दो), डूंगा ब्लाक, मांडुवाला, कंसवाली (दो), पौंधा (दो)
प्रतिबंध व नियंत्रण के लिए करनी होगी कसरत
उत्तराखंड इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस राणा के मुताबिक सक्रिय फाल्ट लाइन क्षेत्र में निर्माण में प्रतिबंध व नियंत्रण जरूरी है। लेकिन, वर्तमान में संबंधित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में निर्माण पहले ही हो रखे हैं।
इसके अलावा फाल्ट लाइन के 50 व 100 मीटर के दायरे की चिह्नित करने के लिए खासी कसरत की जरूरत पड़ेगी। इसके बिना मास्टर प्लान में कई गई संस्तुति प्रभावी नहीं हो पाएगी।