उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महाधिवेशन में इंजीनियरों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष मांगों की फेहरिस्त रख दी। मुख्यमंत्री ने भी भरोसा दिलाया कि मांगों को पूरा करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। साथ ही मांगों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी तत्काल अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन को सौंप दी।डिप्लोमा इंजीनियर्स की मुख्य मांगों में निगम/परिषद/संस्थान/स्थानीय निकाय/प्राधिकरण में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर्स को राज्य कार्मिकों की भांति वेतनमान व अन्य सुविधाएं देने, वाहन भत्तों की दरों को पुनरीक्षित करना आदि शामिल है। सोमवार को दून विश्वविद्यालय रोड स्थित एक फार्म में महाधिवेशन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए राज्य आंदोलनकारियों ने बहुत संघर्ष किया।
उनके सपनों के अनुरूप राज्य बनाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा। यह प्रयास किए जाने चाहिए कि वर्ष 2025 में जब हम राज्य की रजत जयंती बना रहे हों तो उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहे। वहीं, धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली ने कहा कि इंजीनियरों की प्रदेश के अवस्थापना विकास में अहम भूमिका है। उत्तराखंड युवा प्रदेश है और ऐसे में इंजीनियरों की भूमिका और बढ़ जाती है। प्रदेश को उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए इंजीनियरों को अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी के साथ निर्वहन करना होगा। अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन ने इंजीनियरों को विश्वकर्मा की भूमिका में रखा। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना सभी का अधिकार है, लेकिन पहली प्राथमिकता राज्य का विकास होना चाहिए। इस अवसर पर महासंघ के निवर्तमान प्रांतीय अध्यक्ष हरीश चंद्र नौटियाल, संरक्षक यूएस महर, महासचिव अजय बेलवाल आदि उपस्थित रहे।