onwin giriş
उत्तराखंड Home

उत्तराखंड में अलर्ट जारी, नदियों के जलस्तर पर है नजर; हर घंटे में अपडेट देने का निर्देश

उत्तराखंड में अगले चार दिन भारी बारिश का अलर्ट है। बारिश और भूस्खलन को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन की नजर बारिश की स्थिति पर बनी हुई है। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि सिंचाई विभाग उत्तराखंड, सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश, केंद्रीय जल आयोग व आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ बाढ़ प्रबंधन योजना पर कार्य करें।

 

डा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट में प्रमुख बड़ी नदियों के जलस्तर की रिपोर्ट प्रत्येक घंटे में अपडेट की जाए। उन्होंने केंद्रीय जल आयोग को कुमाऊं मंडल की प्रमुख नदियों में बाढ़ के पूर्वानुमान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। गुरुवार को सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत सिन्हा ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन योजनाएं बनाने के संबंध में बैठक की।

 

 

 

नदियों के जलस्तर पर है नजर

डा रंजीत सिन्हा ने कहा कि राज्य के पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों की नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र में होने वाली वर्षा के साथ ही ऊपरी क्षेत्र में नदियों के जलस्तर व जल प्रवाह की जानकारी के आधार पर बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले मैदानी क्षेत्रों के लिए चेतावनी व्यवस्था को मजबूत किया जाए। इससे समय रहते प्रभावित होने वाले प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकेगा।

 

बाढ़ से निपटने के लिए रहें तैयार

सचिव ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग द्वारा अभी केवल चार स्थान रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश तथा हरिद्वार के लिए बाढ़ पूर्वानुमान से संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जाती है। यह सुनिश्चित किया जाए कि कुमाऊं की नदियों के लिए भी बाढ़ पूर्वानुमान व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय जल आयोग का कुमाऊं डिवीजन आपदा प्रबंधन कार्यालय देहरादून से भी सूचनाओं का आदान प्रदान करे। भारतीय सर्वेक्षण विभाग से संपूर्ण राज्य के डिजिटल टोपोग्राफिक मानचित्र प्राप्त किए जाएं। इसके आधार पर जलस्तर संबंधी सूचना की सटीक जानकारी एकत्र की जाए।

 

नदियों और बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया जाए क्रॉस सेक्शन

डा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि सिंचाई विभाग राज्य की समस्त नदियों के पूर्व से चिह्नित स्थानों तथा अन्य असुरक्षित महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी माह में क्रॉस सेक्शन लिया जाए। इसके आधार पर नदियों के प्रवाह का आकलन कर चेतावनी जारी की जाए। उन्होंने बाढ़ पूर्वानुमान तथा जलभराव के दृष्टिगत सिंचाई विभाग को एक कांसेप्ट नोट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इसके अनुसार केंद्रीय जल आयोग को अनुरोध पत्र भेजा जा सके।

Similar Posts

© 2015 News Way· All Rights Reserved.