देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में बुधवार से ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान का शुभारंभ हो गया है। इस महत्वाकांक्षी अभियान के तहत आगामी 45 दिनों तक राज्य की सभी न्याय पंचायतों में शिविर आयोजित कर आम जनता को सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ पात्र लाभार्थियों को मौके पर ही योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
अभियान में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण सहित 23 विभाग शामिल हैं। पहले ही दिन राज्य के सभी जिलों में आयोजित शिविरों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और हजारों ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
पिथौरागढ़ जिले के बिण विकासखंड की न्याय पंचायत दौला में शिविर का उद्घाटन कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने किया। यहां 800 से अधिक लोगों ने शिविर में भाग लिया और अधिकांश समस्याओं का मौके पर समाधान किया गया। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने बताया कि जिले की सभी 64 न्याय पंचायतों में शिविर लगाए जाएंगे।
चम्पावत के सिमल्टा में आयोजित शिविर में 500 से अधिक लोग लाभान्वित हुए और 100 से ज्यादा शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया गया। अल्मोड़ा में 13 न्याय पंचायतों में शिविर लगे, जहां दिव्यांगों को सहायक उपकरण और दर्जनों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं।
बागेश्वर, ऊधमसिंहनगर, देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, चमोली और नैनीताल जिलों में भी व्यापक स्तर पर शिविर आयोजित किए गए।
इन शिविरों में—
- आय, जाति, निवास, खतौनी जैसे प्रमाण पत्र जारी किए गए
- स्वास्थ्य जांच और निःशुल्क दवाएं वितरित की गईं
- दिव्यांगों और बुजुर्गों को सहायक उपकरण दिए गए
- महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई
- कृषि यंत्र, जैविक खाद और पशुपालन से जुड़ी सेवाएं दी गईं
देहरादून के चकराता क्षेत्र में डीएम सविन बंसल ने स्वयं शिविर में पहुंचकर समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए। वहीं नैनीताल में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने जनसमस्याओं पर सख्त रुख अपनाते हुए कई मामलों में त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्पष्ट निर्देश है कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पहुंचे। यह अभियान न केवल शिकायत निवारण का माध्यम बनेगा, बल्कि सरकार और जनता के बीच सीधे संवाद को भी मजबूत करेगा।
सरकार का दावा है कि ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की पहुंच बढ़ेगी और लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।

