पौड़ी (उत्तराखंड)। जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर सत्यखाल के निकट स्थित गजल्ड गांव में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। अपनी कुलदेवी बालकुंवारी के मंदिर में पूजा करने गए राजेंद्र नौटियाल (49) पर गुलदार ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इससे पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है।
ग्रामीणों के अनुसार, राजेंद्र रोज की तरह सुबह लगभग सात बजे मंदिर गए थे, जो गांव से लगभग सौ मीटर दूर स्थित है। काफी देर तक वापस न लौटने पर परिजन उन्हें खोजने निकले। मंदिर के रास्ते के नीचे झाड़ियों में खून के निशान दिखाई देने पर तलाश तेज की गई।
कुछ दूरी पर झाड़ियों के बीच राजेंद्र का शव मिला, जिसे गुलदार लगभग 50 मीटर तक घसीटकर ले गया था। ग्रामीणों ने बताया कि गुलदार अपने दो शावकों के साथ दिखाई दिया था।
घटना के बाद सत्यखाल, चवथ, पाबौ, कौडला सहित पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। प्रभावित गांवों में आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। महिलाओं को जंगलों में चारा-पत्ती लेने न जाने की सलाह दी गई है।
ग्राम प्रधान सचिन नौटियाल और क्षेत्र पंचायत सदस्य शैलेंद्र नौटियाल ने बताया कि मृतक राजेंद्र दूध बेचकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। ग्रामीणों ने क्षेत्र को लंबे समय से जारी गुलदार आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग उठाई है।
सुबह करीब 11 बजे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीक्षिता जोशी गांव पहुंचीं। इस दौरान ग्रामीणों ने उनका घेराव कर डीएम को मौके पर बुलाने की मांग की। बाद में डीएम स्वाति एस. भदौरिया गांव पहुंचीं और लोगों को आश्वासन दिया कि—
- गुलदार को मारने के आदेश जारी किए जा चुके हैं
- क्षेत्र में शीघ्र ही शूटर तैनात किए जाएंगे
- सुरक्षा उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए जा रहे हैं
पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी गजल्ड पहुंचे, जहां ग्रामीणों के गुस्से का सामना उन्हें करना पड़ा। लोगों ने पहले उनका घेराव किया और बाद में जमीन पर बैठाकर धरना प्रदर्शन कराया।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें थीं—
- गुलदार को मारने की कार्यवाही तुरंत शुरू की जाए
- पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
ग्रामीणों ने विधायक से फोन पर वन मंत्री सुबोध उनियाल और बाद में मुख्यमंत्री से बात कराने की मांग उठाई, लेकिन संपर्क न होने पर लोगों का आक्रोश और बढ़ गया। ग्रामीणों ने वन मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की।
दिवंगत राजेंद्र के भतीजे कमलेश ने डीएम के सामने मांग रखी कि पीड़ित परिवार को तुरंत लिखित में नौकरी का आश्वासन दिया जाए। उसने कहा कि—
“लिखित आश्वासन नहीं मिला तो आत्मदाह करूंगा। चाचा की अंत्येष्टि भी तभी होगी।”

