रोहतक/चंडीगढ़ | 14 अक्टूबर 2025
हरियाणा पुलिस विभाग इन दिनों दो अधिकारियों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई आत्महत्याओं को लेकर विवादों में घिरा हुआ है। पहले 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। और अब 13 अक्टूबर को रोहतक में ASI संदीप लाठा ने खुद को गोली मारकर जान दे दी। दोनों मामलों के तार एक ही रिश्वत कांड से जुड़े बताए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश में प्रशासनिक पारदर्शिता और न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, 6 अक्टूबर को रोहतक साइबर सेल में तैनात ASI संदीप लाठा ने एक शराब कारोबारी से ₹2.5 लाख रिश्वत लेते हुए IG वाई पूरन कुमार के गनर सुशील को रंगे हाथों पकड़ा था। पूछताछ के दौरान गनर ने स्वीकार किया कि वह यह रिश्वत IG के निर्देश पर ले रहा था। वीडियो रिकॉर्डिंग में उसने शराब ठेकेदार को गैंगस्टर से मिली धमकी के मामले में मदद दिलाने के बदले रिश्वत मांगने की बात कबूली थी।
इस कार्रवाई के बाद IG पूरन कुमार को सुनारिया जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन इसके अगले ही दिन, 7 अक्टूबर को, चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में पूरन कुमार ने कथित रूप से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनके पास से एक 8 पन्नों का ‘सुसाइड नोट’ बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और झूठे आरोपों का जिक्र किया।
इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया, जब 13 अक्टूबर को ASI संदीप लाठा ने भी अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मार ली। संदीप वही अधिकारी थे जिन्होंने पूरन कुमार के गनर को रिश्वत लेते पकड़ा था और मामले की जांच कर रहे थे।
मृतक ASI ने एक 3 पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो रिकॉर्डिंग छोड़ी है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि IG वाई पूरन कुमार भ्रष्ट थे और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। संदीप ने वीडियो में यह भी कहा कि रोहतक SP नरेंद्र बिजरानिया एक ईमानदार अधिकारी हैं और उन्हें झूठे विवाद में घसीटा जा रहा है।
इस आत्महत्या के बाद संदीप के परिजनों ने शव पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया और अंतिम संस्कार अपने गांव लाढ़ौत में किया।
IPS पूरन कुमार की पत्नी, IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार, ने अपने पति की मौत के बाद हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके पति को फंसाया गया, मानसिक प्रताड़ना दी गई और साजिश के तहत बदनाम किया गया। उन्होंने DGP और रोहतक SP के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।
वहीं ASI संदीप के परिजन भी मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि संदीप पर भी दबाव बनाया गया था।
इन दोनों आत्महत्याओं ने पूरे हरियाणा में पुलिस तंत्र की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल मामला जांच के अधीन है। हरियाणा पुलिस ने SIT गठित की है और वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।
वहीं सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने इन घटनाओं की निष्पक्ष CBI जांच की मांग उठाई है। जातिगत भेदभाव और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बीच अब देखना यह होगा कि हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतते हैं।