मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नानूरखेड़ा स्थित एससीईआरटी ऑडिटोरियम में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल रहने वाले 75 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम देने वाले शीर्ष 50 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और तीन-तीन श्रेष्ठ प्रधानाचार्यों को भी पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं बल्कि राष्ट्रप्रेम, नैतिक मूल्य, सामाजिक समरसता और व्यवहारिकता से भी युक्त होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर गुणवत्तापूर्ण और व्यवहारिक शिक्षा की दिशा में कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं:
- 226 स्कूलों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाओं की सुविधा।
- 5 ई-विद्या चैनल के जरिए दूरस्थ क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा।
- “हमारी विरासत” पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 के छात्रों को भारतीय संस्कृति और महान विभूतियों से परिचय।
- सभी छात्रों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें और मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति।
- चयनित मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की योजना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसके तहत 100 से अधिक नकल माफियाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। बीते चार वर्षों में 25 हजार से अधिक युवाओं का चयन सरकारी सेवाओं में हुआ है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इसके विपरीत राज्य बनने के शुरुआती 21 वर्षों में मात्र 16 हजार युवाओं को ही नियुक्ति मिल सकी थी।
उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व युवाओं के भविष्य से खेलने के लिए पर्चा लीक करने की साजिश रच रहे हैं, लेकिन सरकार इन साजिशों को सफल नहीं होने देगी। हाल में सामने आए एक प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जो दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है। अब 1 जुलाई 2026 के बाद केवल वही मदरसे संचालित होंगे, जिनमें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। साथ ही बिना योग्यताओं के धार्मिक गुरु अब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकेंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में 18% की वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा शुरू की गई अंक सुधार परीक्षा योजना से छात्रों पर परीक्षा का दबाव भी कम हुआ है।
समारोह में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक शिक्षा दीप्ति सिंह समेत अनेक अधिकारी एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।