परमार्थ निकेतन में शारदीय नवरात्र के आठवें दिन महाष्टमी पर महागौरी का पूजन किया गया। इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी ने भी परमार्थ निकेतन पहुंचकर मां गंगा का आशीर्वाद लिया।परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आदिशक्ति का महागौरी रूप बुद्धि और शांति का प्रतीक हैं।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि जब कालरात्रि ने गंगा जी में स्नान किया तो उनका रंग गुलाबी आभा वाला हो गया जो आशा, उम्मीद और सकारात्मकता को दर्शाता है। सरस्वती ने कहा कि अष्टमी को मां का महिषासुर मर्दिनी के रूप में अवतरण हुआ था।
त्योहार और उत्सव हमें जड़ों से जोड़ते हैं
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हमारे पर्व, त्योहार और उत्सव हमें अपनी मूल, मूल्यों और जड़ों से जोड़ते हैं। इन पर्वों के पीछे एक सकारात्मक संदेश होता है, हम उत्सवों के माध्यम से उन संदेशों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचा सकते हैं।
देखने को मिल रही है अत्यधिक असमानता
स्वामी चिदानंद ने कहा कि दुनिया में मूल्यवान वही होता है जो दुर्लभ होने के साथ महत्वपूर्ण भी होता है। जिसे हम बना तो नहीं सकते परन्तु उसका समायोजित रूप से उपयोग कर संरक्षण जरूर कर सकते हैं। पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक प्राणी का पृथ्वी पर व्याप्त प्रत्येक संसाधन पर बराबर का अधिकार होता है, लेकिन वर्तमान समय में समाज में हमें अत्यधिक असमानता देखने को मिलती है। यह असमानता कुछ लोगों के द्वारा अन्य लोगों के अधिकारों पर कब्जा करने तथा उनके प्राकृतिक अधिकारों के हनन के कारण उत्पन्न होती है।
श्री कन्हैया मित्तल ने बिखेरा अपने भजनों का जादू
वहीं रविवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित मां शबरी रामलीला महोत्सव में भजन सम्राट श्री कन्हैया मित्तल ने अपने भजनों का जादू बिखेरा। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सांसद मनोज तिवारी को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनंदन किया।