डेंगू के बढ़ते मामलों ने जहां हर एक की चिंता बढ़ा दी है, वहीं शहर के स्कूल इसको लेकर लापरवाह बने हुए हैं। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के आदेशों का अधिकांश स्कूल पालन ही नहीं कर रहे हैं। आदेश के बाद भी छात्रों को पूरी आस्तीन की ड्रेस में नहीं बुलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि छात्र निकर, स्कर्ट व आधी आस्तीन की शर्ट पहन कर स्कूल पहुंच रहे हैं। जिसको लेकर विभाग व स्कूल संचालकों के प्रति अभिभावकों में काफी रोष है।
छात्रों को पूरी आस्तीन की ड्रेस में बुलाने को किया गया था निर्देशित
जुलाई में जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया था कि छात्रों को पूरी आस्तीन की ड्रेस में बुलाया जाए। लेकिन दो माह बाद भी अधिकांश स्कूल आदेश को दरकिनार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण कर पालन न करने वाले स्कूलों की सूची भेजने को कहा था, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
स्कूल संचालकों के प्रति अभिभावकों में रोष
विभागीय अधिकारियों के रवैए व प्रशासन के निर्देश का पालन न करने वाले स्कूल संचालकों के प्रति अभिभावकों में रोष है। अभिभावकों का कहना है कि यदि विभागीय अधिकारी गाइडलाइन का पालन न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो स्कूलों की मनमानी बढ़ती जाएगी।
आदेशों की अवहेलना करने वाले स्कूलों पर करनी चाहिए कार्रवाई
एनएपीएसआर (नेशनल एसोसिएशन फोर पेरेंट्स एंड स्टूडेंस राइट्स) अध्यक्ष आरिफ खान के मुताबिक, विभाग व प्रशासन के नियमों को अनदेखा करना निजी स्कूलों के लिए बड़ी बात नहीं है। इस बार भी डेंगू को लेकर यही देखा जा रहा है। अधिकांश स्कूल न तो आदेश का पालन कर रहे हैं और न ही अधिकारी इसका संज्ञान ले रहे हैं। शिक्षा विभाग को आदेशों की अवहेलना करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उत्तराखंड अभिभावक संघ के मंत्री मनमोहन जायसवाल के अनुसार, कुछ ही बच्चों को फुल ड्रेस में देखा जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि आदेशों का स्कूल पालन ही नहीं कर रहे हैं। विभाग को इस तरह के स्कूलों पर कार्रवाई करनी होगी, तभी अन्य स्कूलों को सीख मिलेगी। अभिभावकों से भी अपील है कि बच्चों को पूरी आस्तीन की वर्दी पहनाकर स्कूल भेजें।
देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार के अनुसार, विभाग ने पांच सितंबर को भी स्कूलों से डेंगू को लेकर सतर्कता बरतने व निर्देशों का पालन करने को कहा था। विभागीय अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करते रहते हैं। डेंगू को लेकर जारी निर्देशों का पालन न करने वाले स्कूलों के लिए विभागीय टीम विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जांच करेगी। मामला आने के बाद संबंधित स्कूल पर कार्रवाई होगी।
छात्रहित में आने वाले निर्देशों को पालन करना जरूरी
प्रिंसिपल प्रोगेसिव स्कूल्स एसोसिएशन अध्यक्ष डा. प्रेम कश्यप ने कहा कि छात्रहित में जो भी निर्देश आते हैं स्कूलों को उसका पालन करना जरूरी है। डेंगू चिंता का विषय है, इसको सभी को समझना होगा। पूर्व में विभिन्न स्कूलों की बैठक में डेंगू के प्रति जागरूकता अभियान चलाने पर भी सहमति बनी थी। स्कूलों से अपील है कि स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन व शिक्षा विभाग के डेंगू संबंधी निर्देशों का पालन करें।