उत्तराखंड सरकार सशक्त भू-कानून शीघ्र लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार इस कानून को लागू करने को पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध है। शीघ्र ही कैबिनेट मे इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को प्राप्त हो चुकी है। जन भावनाओं का सम्मान सरकार के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन भावनाओं के अनुरूप सरकार इस कानून को लागू करने को प्रतिबद्ध है।
धामी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जुलाई, 2021 में भू-कानून के परीक्षण और अध्ययन को पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। समिति के अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आइएएस डीएस गब्र्याल व अरुण कुमार ढौंडियाल और श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय एवं तत्कालीन राजस्व अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन सम्मिलित थे।
समिति ने मांगे थे संस्थाओं से सुझाव
समिति ने लगभग एक वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश में वर्तमान भू-कानून को और सख्त बनाने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों, राजनीतिक दलों के साथ स्वैच्छिक संस्थाओं से सुझाव आमंत्रित किए थे। समिति ने प्रदेश में वर्ष 2003 के बाद भू-उपयोग में दी गई छूट के बारे में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट भी तलब की थी। समिति ने बीते वर्ष सितंबर माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। समिति ने भूमि की अनियंत्रित खरीद को रोकने के साथ ही निवेश की संभावनाओं को देखते हुए 23 संस्तुतियां की हैं।
रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा
समिति ने भूमि खरीद के दुरुपयोग को रोकने के लिए भूमि खरीद की अनुमति जिलाधिकारी के स्थान पर शासन स्तर से देने पर जोर दिया है। समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए सरकार ने कैबिनेट की सब कमेटी का गठन किया है। सब कमेटी की संस्तुतियों के साथ इस रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा। इसके बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा, ताकि नया सशक्त भू-कानून अस्तित्व में आ सके।
भू-कानून पर सरकार का रुख स्पष्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भू-कानून पर सरकार का रुख स्पष्ट करने के बाद माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा सत्र में इस संबंध में सदन में विधेयक प्रस्तुत किया जा सकता है। धामी सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।