उत्तराखंड में जमीन की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई जगह तो भूमाफिया ने लोगों की जमीन कब्जा कर फर्जी दस्तावेज तक बनवा लिए।
देहरादून में किसी भी संपत्ति पर भूमाफिया कब्जा नहीं कर सकेंगे
इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की बिक्री भी की गई। ऐसा करने वालों पर नकेल कसने के लिए अब स्टांप विभाग बड़ा कदम उठाने जा रहा है। स्टांप विभाग पूरे राज्य में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया की शुरुआत करेगा। इसके तहत जमीनों के भू-स्वामित्व रिकॉर्ड का सत्यापन कराया जाएगा। देहरादून के रजिस्ट्री कार्यालय में फर्जीवाड़ा कर भूस्वामित्व बदलने का मामला सामने आने के बाद स्टांप विभाग पूरे राज्य में भूमि सत्यापन की तैयारी कर रहा है। आईजी स्टांप डॉ. अहमद इकबाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि देहरादून प्रकरण के बाद ये कवायद जरूरी हो गई है। विभाग अन्य जिलों के रिकॉर्ड की भी जांच कराएगा। रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई तो मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि देहरादून में जमीनों के फर्जीवाड़े को लेकर शिकायतें मिली थीं। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है।
इसके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। कुछ मामलों में रिकॉर्ड बदलने की पुष्टि भी हुई है। ऐसे कई मामले सामने आने के बाद अब प्रदेश में भूमि सत्यापन कराए जाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को भी शत-प्रतिशत वर्चुअल किया जाएगा, इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। वर्चुअल कोर्ट के समान ही विक्रेता-खरीदार वीडियो लिंक की मदद से रजिस्ट्रार कार्यालय से जुड़ेंगे। रिकॉर्ड की ऑनलाइन जांच के बाद ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए ही रजिस्ट्री हो जाएगी। इस सुविधा से देश-दुनिया में कहीं भी मौजूद शख्स जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकेगा। प्रदेश में घर बैठे रजिस्ट्री की ऑनलाइन नकल लेने की सुविधा भी एक हफ्ते के भीतर शुरू होने जा रही है। लोगों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने के लिए भू-अभिलेखों की नकल की प्रक्रिया को शत-प्रतिशत ऑनलाइन किया जा रहा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उत्तराखंड को रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आधार से जोड़ने की मंजूरी दे दी है। इसे एक महीने में लागू कर दिया जाएगा। इससे property in Dehradun फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी।