मुख्यमंत्री धामी ने दरियादिली दिखाई तो विपक्ष के विधायक भी उनके मुरीद हो गए। विपक्ष के विधायकों की लंबे समय से बरकरार नाराजगी को दूर करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा की।
कामकाज में ढिलाई को लेकर अधिकारियों के पेच कसे। प्रदेश के मुखिया ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि विकास के मुद्दे पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वह सबका साथ, सबका विकास की थीम पर ही आगे बढ़ेंगे।
विधायकों के भीतर नई आस जगाने में देर नहीं लगाई
मुख्यमंत्री धामी ने अपनी दूसरी पारी में विधायकों के भीतर नई आस जगाने में देर नहीं लगाई। विधायकों की सबसे बड़ी शिकायत उनके चुनाव क्षेत्रों में विकास कार्यों की धीमी गति को लेकर रहती है। धामी ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा क्षेत्रवार विकास कार्यों की समीक्षा प्रारंभ कर दी।
शुरुआती दौर में सत्तापक्ष के विधायकों के क्षेत्रों की बारी देखकर विपक्ष ने उन पर हमला बोलने में देर नहीं लगाई। विपक्ष की ये नाराजगी भी मुख्यमंत्री ने गुरुवार को दूर कर दी। सचिवालय में उन्होंने विपक्ष और निर्दल विधायकों के 10 विधानसभा क्षेत्रों में विकास योजनाओं और निर्माण कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की समस्याओं को विभागीय अधिकारियों को गंभीरता से लेते हुए उनका समाधान करना होगा। राज्य के समग्र विकास के लिए सबको एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी जिलों में विधायकों के साथ नियमित बैठकें करें। उन्होंने निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाई जाए। ग्रीष्मकाल में पेयजल किल्लत नहीं होनी चाहिए। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से तहसील स्तर पर आवश्यक उपकरणों एवं मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों में तेजी और समस्याओं के निदान को क्षेत्रवार अधिकारियों को जिम्मेदारी देने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन व उद्योग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ किया जा रहा है। आजीविका में वृद्धि को कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई हैं। उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
बैठक में विधायकों ने सड़कों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण, पेयजल के लिए हैंडपंपों की आवश्यकता, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर बल दिया। बाढ़ सुरक्षा कार्य, कूड़ा निस्तारण, ड्रेनेज एवं सीवरेज की समस्याएं मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं। मुख्यमंत्री ने इन समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। विधायकों के सुझावों और जन हित के मुद्दों को मुख्यमंत्री स्वयं नोट करते रहे।
विपक्ष के विधायकों ने मुख्यमंत्री धामी की इस पहल को सराहा। बैठक में विधायक प्रीतम सिंह, रवि बहादुर, ममता राकेश, वीरेंद्र जाति, फुरकान अहमद, सरवत करीम अंसारी, शहजाद, अनुपमा रावत, संजय डोभाल, विक्रम सिंह नेगी व राजेंद्र सिंह भंडारी उपस्थित रहे।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, नितेश झा, बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डा पंकज कुमार पांडे, एचसी सेमवाल, दीपेंद्र चौधरी, डा आर राजेश कुमार व शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे। वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी भी बैठक में सम्मिलित हुए।
बातचीत कर रहे अधिकारियों को टोका
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा क्षेत्रवार विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान आला अधिकारियों के रुख को लेकर नाराज भी हुए। दो आइएएस को बैठक में बातचीत करते देख उन्होंने टोका। बातचीत रुकने पर ही उन्होंने बैठक जारी रखी।
कुछ यूं बोले विधायक
विपक्ष के विधायकों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने कदम उठाए हैं। यह अच्छा है। इन कदमों के परिणाम पर नजर है।
– प्रीतम सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायक
अच्छी शुरुआत हुई। विधायकों से संवाद कायम करना प्रशंसनीय है। बीते अक्टूबर माह में 10 कार्य दिए थे। अब ये काम भी होंगे।
-रवि बहादुर, कांग्रेस विधायक
विधानसभावार समीक्षा की पहल सराहनीय है। अब समस्याओं का समाधान भी होना चाहिए। जोशीमठ क्षेत्र में मुआवजे को लेकर संशोधन आवश्यक है।
– राजेंद्र सिंह भंडारी, कांग्रेस विधायक
अक्टूबर में 10 योजनाएं दी जा चुकी हैं। कुछ पूरी हुई हैं। अब सड़कों पर तेजी से काम होना चाहिए।
-अनुपमा रावत, कांग्रेस विधायक
अच्छी शुरुआत है। विपक्ष के विधायकों के काम भी होंगे।
– मो शहजाद, विधायक बसपा