उत्तराखंड में आगामी अर्धकुंभ मेला अब केवल हरिद्वार तक सीमित नहीं रहेगा। राज्य सरकार ने इसे चार जिलों — हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी — में 670 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित करने का निर्णय लिया है। कैंप, पार्किंग और संचालन क्षेत्र मिलाकर अर्धकुंभ का कुल विस्तार लगभग 1454 हेक्टेयर होगा।
हरिद्वार से देवप्रयाग तक फैले इस अर्धकुंभ क्षेत्र में हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, चंडी घाट, नीलकंठ, लक्ष्मण झूला, तपोवन और मुनी की रेती जैसे प्रमुख घाट शामिल होंगे। सरकार की योजना है कि देवप्रयाग में भी हरिद्वार की तरह ही कुंभ महोत्सव का आयोजन किया जाए।
इस पहल से पौड़ी और टिहरी जिलों में धार्मिक पर्यटन और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में घाटों, सड़कों और धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। स्थानीय व्यापारी, होटल संचालक और ट्रैवल एजेंसियां अर्धकुंभ से अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रही हैं।

