प्रदेश सरकार अब अधिक से अधिक व्यक्तियों को उत्तराखंड आयुष्मान योजना के दायरे में लाने जा रही है। इस कड़ी में अब मतदाता पहचान पत्र से भी आयुष्मान कार्ड बनाने की तैयारी है। सरकार का लक्ष्य अब लगभग 30 लाख व्यक्तियों को इस योजना से जोड़ने का है।
अभी केवल उन्हीं व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं, जिनके पास राशन कार्ड हैं। राशन कार्ड भी आनलाइन होना चाहिए।
पूरे प्रदेश में आयुष्मान भव अभियान
प्रदेश सरकार इस समय पूरे प्रदेश में आयुष्मान भव अभियान चला रही है। इस अभियान में सरकार की एक मुख्य योजना अधिक से अधिक व्यक्तियों को आयुष्मान योजना से जोड़ने की है। इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत परिवार के प्रत्येक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है।
इस योजना में प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये के नि:शुल्क उपचार की सुविधा दी जाती है। इस योजना के तहत प्रदेश में अभी तक तकरीबन 53 लाख व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बना चुके हैं। सरकार का लक्ष्य 90 लाख आयुष्मान कार्ड बनाना है।
अभी आयुष्मान कार्ड बनाते समय परिवार के मुखिया का राशन कार्ड और सभी का नाम दर्ज होना जरूरी है। यही कारण है कि सरकार अभी तक निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई है। देश में आयुष्मान भारत का तीसरा चरण शुरू हो चुका है।
ऐसे में प्रदेश सरकार सरकार अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को इसके दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। आयुष्मान भव अभियान में भी आयुष्मान ग्राम बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आयुष्मान ग्राम अथवा आयुष्मान वार्ड उन्हें कहा जाएगा, जहां शत-प्रतिशत स्थानीय निवासियों के आयुष्मान कार्ड बने होंगे।
इसे देखते हुए ही अब मतदाता सूची में शामिल व्यक्तियों के भी आयुष्मान कार्ड बनाने की तैयारी है। इसके लिए नियमावली में बदलाव किया जाना है। इस क्रम में यह विषय कैबिनेट के सम्मुख लाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार सभी व्यक्तियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना चाहती है। इसके लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है। सभी पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए इसमें थोड़ा बदलाव किया जा रहा है।