उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दिल — घण्टाघर — को अब एक नया, रोशन और आधुनिक रूप मिल गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका भव्य लोकार्पण करते हुए कहा कि यह पहल केवल सौंदर्यीकरण नहीं, बल्कि शहर को नई ऊर्जा और पहचान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “घण्टाघर देहरादून की आत्मा है। अब यह दिन के साथ-साथ रात में भी रोशनी से चमकेगा, पर्यटकों को आकर्षित करेगा और स्थानीय लोगों को गर्व का अहसास कराएगा।” करीब 1.5 करोड़ रुपये की लागत से इस ऐतिहासिक धरोहर को नया स्वरूप दिया गया है, जिसमें स्वचालित प्रकाश व्यवस्था भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए बनाए गए 4 हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स का भी उद्घाटन किया। ये कैंटीनें कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी में शुरू की गई हैं। “ये आउटलेट्स महिलाओं को न केवल रोजगार देंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगे और उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को एक नया बाज़ार मिलेगा,” मुख्यमंत्री ने कहा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। अब तक 51 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिल कराया गया है, और अब 31 और बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया है।
साधूराम इंटर कॉलेज में इनके लिए इंटेसिव केयर सेंटर भी बनाया जा रहा है, ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में पढ़ाई कर सकें।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि देहरादून को एक आधुनिक, हरित और स्मार्ट शहर बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वर्तमान में शहर में लगभग ₹1400 करोड़ रुपये की परियोजनाएँ चल रही हैं:
- 30 इलेक्ट्रिक बसें
- 11 चार्जिंग स्टेशन
- भूमिगत पार्किंग स्थलों का निर्माण
- रिस्पना और बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड की योजना
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, स्थानीय व्यापारी, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। लोगों ने घण्टाघर के नए रूप को सराहा और सरकार की पहलों की सराहना की।