राष्ट्रीयकृत व परिवहन निगम के लिए आरक्षित मार्गों पर निजी बसों के संचालन की सरकार की तैयारी के विरोध में उत्तराखंड परिवहन निगम के सभी कर्मचारी 20 अप्रैल को एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे।
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर होने वाली हड़ताल में प्रदेशभर में बसों का संचालन ठप रहेगा। प्रबंध निदेशक को संयुक्त मोर्चा की ओर से भेजे गए हड़ताल संबंधी पत्र में देहरादून, हल्द्वानी व टनकपुर बस अड्डों पर सरकार के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
कर्मचारियों से छल करने का आरोप
गुरुवार को संयुक्त मोर्चा की एक बैठक देहरादून आइएसबीटी पर हुई। मोर्चा के पदाधिकारियों ने सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन पर कर्मचारियों से छल करने का आरोप लगाया। कहा कि गत 31 जनवरी को प्रस्तावित मोर्चा की प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल के क्रम में परिवहन मंत्री चंदन रामदास और निगम प्रबंधन के साथ 30 जनवरी काे हुई समझौता वार्ता में सरकार ने कर्मचारियों की विभिन्न मांगों का हल निकालने का भरोसा दिया था।
इसके बावजूद अब तक उन मांगों को लेकर आदेश जारी नहीं किए गए। इसके इतर राज्य सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रीयकृत अधिसूचित 14 मार्गों पर निजी बसों के संचालन के परमिट देने की अधिसूचना जारी कर दी, जबकि इन मार्गों पर परिवहन निगम की ओर से सुचारू संचालन किया जा रहा।
संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी कि अगर 19 अप्रैल तक उनकी मांगों का समाधान न किया गया और 20 अप्रैल की हड़ताल में कर्मचारियों के उत्पीड़न की कार्रवाई की गई तो कर्मचारी उसी समय से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बैठक में मोर्चा के संयोजक अशोक चौधरी, दिनेश पंत, रविनंदन कुमार व रामकिशुन राम उपस्थित रहे।
संयुक्त मोर्चा की प्रमुख मांग
- राष्ट्रीयकृत 14 मार्गों पर निजी बसों के संचालन की अधिसूचना तत्काल निरस्त की जाए।
- संविदा व विशेष श्रेणी के चालक-परिचालक एवं बाह्य-स्रोत के तकनीकी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति या मृत्यु होने पर ग्रेच्युटी की मद से दो लाख रुपये भुगतान का आदेश जारी किया जाए।
- संविदा व विशेष श्रेणी कर्मचारियों को हर माह एक वैतनिक अवकाश देने का आदेश जारी किया जाए।
- मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर निगम में नियुक्ति दी जाए।
- जुलाई-2022 से नियमित कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि के अनुपालन में संविदा व विशेष श्रेणी कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की जाए।
- अनाधिकृत संचालन व डग्गामार बसों पर कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग व परिवहन अधिकारियों की संयुक्त प्रवर्तन टीम बनाई जाए।
- परिवहन निगम से दून-दिल्ली मार्ग पर हटाई गई पांच इलेक्ट्रिक वाल्वो बसों का संचालन आइएसबीटी के बाहर से किया जा रहा, जिस पर रोक लगाई जाए।
- शासनादेश के अनुरूप कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान किया जाए।
- विभिन्न मार्गों पर डिपोवार अनुबंधित किए गए ढाबों का अनुबंध निरस्त कर एक मार्ग पर एक ही ढाबे से अनुबंध की व्यवस्था की जाए।
- कर्मचारियों के ईपीएफ से 12 प्रतिशत के अनुसार ही कटौती की जाए।