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उत्‍तराखंड में जंगल की आग हुई विकराल, वन विभाग में हड़कंप; आमजन से मांगा सहयोग

शुष्क मौसम के बीच उत्तराखंड में जंगल की आग की घटनाएं लगातार दर्ज की जा रही हैं। बुधवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 13 नई घटनाएं हुई हैं, जिसमें करीब 11 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।

 

वहीं, फायर सीजन में अब तक कुल 490 घटनाओं में 581 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलने से लाखों की लागत की वन संपदा को क्षति पहुंची है। अब वन विभाग की ओर से जंगल से सटे क्षेत्रों में आमजन से भी सहयोग मांगा जा रहा है।

 

रोजाना जंगल की आग भड़ने की सूचनाएं मिली

प्रदेश में पिछले कई दिनों से रोजाना जंगल की आग भड़ने की सूचनाएं मिल रही हैं। शुष्क मौसम के चलते आग तेजी से फैल रही है और वन विभाग के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए प्रभावी कदम उठाने और जंगल में आग लगाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

 

बुधवार को नई टिहरी, नरेंद्रनगर, रामनगर, लैंसडौन, वन प्रभाग और केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गईं। जिसे बुझाने में वन कर्मियों ने पूरी ताकत को झोंक दिया है। तमाम कोशिशों के बावजूद जंगल की आग की बढ़ती घटनाएं चुनौती बन गई हैं।

 

वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की सूचना दे सकते हैं।

 

प्रदेश में अब तक जंगल की आग की स्थिति

  • क्षेत्र, घटना, प्रभावित क्षेत्र
  • आरक्षित वन, 331, 385
  • सिविल क्षेत्र, 159, 196
  • कुल, 490, 581
  • (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में है।)

जंगल से सटे इलाकों में आमजन को किया जागरूक

जंगल की आग से निपटने के लिए वन विभाग ने आमजन से भी सहयोग की अपील की है। वन मुख्यालय के निर्देश पर सभी वन प्रभागों में वन कर्मियों की ओर से जनजागरूकता को अभियान चलाए जा रहे हैं।

 

बुधवार को रुड़की वन प्रभाग के खानपुर रेंज में क्षेत्रवासियों को जागरूक किया गया। वन कर्मियों ने ग्राम कुड़कावाला, शाहमंसूर, हलजोरा, सिकरोडा, फतेहपुर, हजारा व बंदरजूड में आमजन से संपर्क कर जंगल बचाने और आग की रोकथाम को जागरूक किया।

 

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