राज्य में एक बार फिर कोरोना के मामले आने लगे हैं। इसको देखते हुए दून में कई बड़े स्कूल एहतियातन मास्क व सैनिटाइजर को जरूरी करने को लेकर विचार कर रहे हैं।
वहीं अभिभावकों को छोटे बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है। उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन को स्वयं ही इसका संज्ञान लेना चाहिए, जिससे छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका असर ना पड़े। अभिभावक संगठनों के पास भी लगातार इस तरह की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। वहीं स्कूलों की माने तो वह बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावकों के साथ खड़े हैं।
30 नए मामले
रविवार को प्रदेश में कोरोना के 30 नए मामले आए हैैं। इनमें सबसे ज्यादा 21 मामले देहरादून जिले से हैैं। हरिद्वार में चार, नैनीताल में तीन व ऊधमसिंहनगर में दो लोग संक्रमित मिले हैैं। राज्य में इस साल कोरोना के 521 मामले आए हैैं। वर्तमान में 81 सक्रिय मामले हैैं। वहीं, छह मरीजों की इस साल मौत भी हुई है।
भले ही अभी मामले अधिक ना हों लेकिन अभिभावक एसोसिएशन के पास पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता जता रहे हैं। विशेषकर छोटे बच्चों को स्कूल भेजने में अभिभावक कतरा रहे हैं। जल्द ही इस संबंध में एसोसिएशन शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखेगा। बच्चों को सुरक्षा दृष्टि से भी जरूरी है कि अभिावक उन्हें फेस मास्क पहनाकर स्कूल भेजे।
-आरिफ खान अध्यक्ष, नेशनल एसोसिएशन फोर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स
वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूल के साथ ही अभिभावक स्तर पर भी सतर्कता बरतनी जरूरी है। स्कूल में छोटे बच्चों के लिए मास्क व सैनिटाइजर जरूरी हो। सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। यदि किसी बच्चे का स्वास्थ्य खराब है तो पढ़ाई प्रभावित किए बिना अवकाश दिया जाए।
– मनमोहन जायसवाल, सचिव, उत्तराखंड अभिभावक संघ
स्कूलों में दाखिला के साथ विभिन्न प्रतियोगिता भी शुरू हो चुकी हैं। लेकिन कोरोना के मामले बीते कुछ दिनों से बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्कूल के साथ ही अभिभावकों को भी ध्यान देना होगा। एसोसिएशन की बैठक में भी स्कूलों को बच्चों के स्कूल में रहने आने जाने के दौरान मास्क के लिए कहा गया है। स्कूल भी इस मामले में अभिभावकों का साथ देंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो।
-प्रेम कश्यप, अध्यक्ष, प्रिंसिपल प्रोगेसिव स्कूल एसोसिएशन