onwin giriş
Home देश

पीएम मोदी का आज देश के नाम संबोधन: जीएसटी, एच-1बी, ‘वोट चोरी’ विवाद और युवाओं को साधने की कोशिश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे एक बार फिर देश के नाम संबोधित करेंगे। पिछले 36 दिनों में यह उनका दूसरा राष्ट्र संबोधन होगा, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। यह संबोधन ऐसे वक्त हो रहा है जब देश में जीएसटी की नई दरें लागू होने जा रही हैं, अमेरिका के साथ टैरिफ और वीजा विवाद गहराया है, और विपक्षी दल खासकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है।

तीन दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में “वोट चोरी” का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में युवाओं को संबोधित करते हुए ‘जेन-जी को संविधान बचाने के लिए आगे आने’ की अपील की थी। बीजेपी ने इस बयान को युवाओं को भड़काने वाला और संवैधानिक संस्थाओं पर अविश्वास पैदा करने वाला बताया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी का आज का संबोधन केवल एक विषय पर केंद्रित नहीं रहेगा, बल्कि यह बहुस्तरीय रणनीति का हिस्सा होगा

जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर वे सरकार का पक्ष रख सकते हैं और यह समझाने की कोशिश करेंगे कि यह बदलाव कैसे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी साबित होगा।

अमेरिका के एच-1बी वीजा और टैरिफ संकट पर पीएम मोदी भारत की स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। उनका संदेश एक बार फिर कूटनीतिक मजबूती और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में होगा।

राहुल गांधी के ‘जनरेशन-जी’ वाले बयान पर संभव है कि पीएम मोदी बिना नाम लिए पलटवार करें। वे कह सकते हैं कि देश की संस्थाओं पर सवाल उठाना लोकतंत्र का अपमान है और युवाओं को गुमराह करने की कोशिश हो रही है।

पीएम मोदी का यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब बिहार और अन्य राज्यों में चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि वे युवाओं को सीधे संबोधित कर सकते हैं और बता सकते हैं कि सरकार उनके रोजगार, शिक्षा और डिजिटल अवसरों के लिए क्या-क्या कर रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी का यह भाषण “एक तीर से कई निशाने” साधने वाला हो सकता है — एक ओर आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर सरकार की नीति को मजबूती देना, और दूसरी ओर विपक्ष के बयानों का जवाब देना। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है कि प्रधानमंत्री कोई बड़ी नीति घोषणा करने जा रहे हैं, लेकिन अतीत को देखते हुए यह संभावना बनी हुई है कि पीएम मोदी किसी नई योजना या राहत पैकेज की घोषणा कर सकते हैं, खासकर व्यापारियों या युवाओं के लिए।

पिछले वर्षों की तरह, पीएम मोदी का यह संबोधन भी न सिर्फ जनता से संवाद है, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है। यह सत्तारूढ़ दल की चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसका असर आने वाले हफ्तों में साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।

Similar Posts

© 2015 News Way· All Rights Reserved.