भारत के रक्षा क्षेत्र के इतिहास में गुरुवार, 25 सितंबर 2025 का दिन एक मील का पत्थर बन सकता है। इंडियन एयरफोर्स (IAF) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच ₹66,500 करोड़ रुपये की अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील पर आज हस्ताक्षर होने की संभावना है। इस समझौते के तहत HAL वायुसेना को 97 तेजस Mark-1A लड़ाकू विमान सौंपेगा।
यह सौदा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारतीय वायुसेना पुराने मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से रिटायर कर रही है, जिससे स्क्वाड्रन की संख्या घटकर 29 तक आ जाएगी — जो अब तक का न्यूनतम स्तर है। एक स्क्वाड्रन में औसतन 16-18 लड़ाकू विमान होते हैं।
गौरतलब है कि फरवरी 2021 में HAL के साथ 83 तेजस Mark-1A विमानों की डील हुई थी, जिसकी लागत ₹46,898 करोड़ थी। हालांकि, वायुसेना को अभी तक एक भी विमान नहीं मिला है। HAL का दावा है कि पहले दो विमान अक्टूबर 2025 तक सौंप दिए जाएंगे, बशर्ते सभी मिसाइल और लेजर-गाइडेड बम के परीक्षण सफल हों।
HAL को नए ऑर्डर के तहत अमेरिकी कंपनी GE से 113 F-404 इंजन खरीदने होंगे, जिसकी कीमत लगभग 1 अरब डॉलर होगी। यह डील भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को भी नया आयाम दे सकती है।
भारतीय वायुसेना के लिए यह डील रणनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है। पाकिस्तान के पास फिलहाल 25 स्क्वाड्रन हैं और वह चीन से 40 से अधिक J-35A स्टील्थ फाइटर प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। हाल ही में पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में J-10 विमानों का इस्तेमाल किया, जिनमें PL-15 मिसाइलें लगी थीं, जिनकी मारक क्षमता 200 किमी से अधिक है।
चीन की वायु शक्ति भारत की तुलना में लगभग चार गुना अधिक मानी जाती है। ऐसे में दो फ्रंट पर संभावित युद्ध के खतरे को देखते हुए वायुसेना की तैयारी को नया बल देना आवश्यक है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में कहा था कि, “वर्तमान हालात को देखते हुए हर साल कम से कम 40 नए फाइटर जेट्स की आवश्यकता है, ताकि वायुसेना की युद्धक क्षमता बनी रह सके।”
इस बीच केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल 30 मई 2026 तक बढ़ा दिया है। उस समय वह 65 वर्ष के हो जाएंगे — जो CDS पद के लिए निर्धारित अधिकतम सेवा आयु है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला देश की सामरिक निरंतरता और रक्षा नीति को स्थिर बनाए रखने की दिशा में अहम कदम है।