उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इस साल सर्दी समय से पहले दस्तक दे चुकी है और मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाली सर्दियां सामान्य से कहीं अधिक लंबी और कठोर होंगी। इसका प्रमुख कारण ला नीना प्रभाव बताया जा रहा है, जिसके चलते इस बार भारी बर्फबारी और मौसम में असामान्य ठंडक देखने को मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, मार्च 2026 तक बसंत का आगमन टल सकता है, जिससे फसल, पर्यटन और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
केदारनाथ धाम में सोमवार दोपहर डेढ़ बजे से शुरू हुई बर्फबारी ने क्षेत्र को सफेद चादर में ढक दिया है। मंगलवार को भी बर्फबारी जारी रही, जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। केदारनाथ में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। इसी के साथ बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में भी सीजन की पहली बर्फबारी दर्ज की गई है।
तीर्थयात्रियों और पर्यटकों ने बर्फबारी का लुत्फ उठाया, वहीं प्रशासन ने अलाव और ठहराव की व्यवस्थाएं बढ़ा दी हैं। बाबा केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु बर्फ के बीच कतारों में खड़े नजर आए।
पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. ए.एस. नैन के अनुसार, प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में गिरावट के कारण ला नीना प्रभाव सक्रिय हो रहा है, जिसका असर दिसंबर से उत्तराखंड के मौसम पर दिखना शुरू हो जाएगा। तापमान में तेज गिरावट और लंबे समय तक ठंड का दौर जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि बर्फ अधिक समय तक जमी रहेगी, जिससे न केवल सर्दियों का मौसम लंबा होगा, बल्कि मार्च और अप्रैल में भी ठंड पड़ेगी, जो फसलों और वसंत ऋतु के प्राकृतिक चक्र को प्रभावित कर सकती है।
बर्फबारी के बावजूद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। केदारनाथ में प्रतिदिन 10,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अब तक कुल 16.45 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। धाम में यात्रा का अंतिम चरण चल रहा है और 23 अक्टूबर (भैयादूज) को केदारनाथ व यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे।
मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी 48 घंटे के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने स्थानीय लोगों और यात्रियों से गर्म कपड़े, आवश्यक दवाएं और सावधानी बरतने की अपील की है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने यात्रियों को आवश्यक सामान साथ लाने की सलाह दी है।